बेटे ने जब नहीं सुनी बात, पिता ने किया चॉकलेट कंपनी Cadbury पर केस, कहा- 5 लाख हर्जाना दो
Advertisement
trendingNow1868198

बेटे ने जब नहीं सुनी बात, पिता ने किया चॉकलेट कंपनी Cadbury पर केस, कहा- 5 लाख हर्जाना दो

टीवी विज्ञापन हमारे दिमाग पर कैसा असर डाल सकते हैं इसका ताज़ा उदाहरण है अजमेर का एक बेहद दिलचस्प मामला. दरअसल, चॉकलेट कंपनी Cadbury के एक विज्ञापन का छठी कक्षा में पढ़ने वाले एक लड़के पर कुछ ऐसा असर हुआ कि उसने पिता की बात अनसुनी कर दी.

विज्ञापन इमेज

नई दिल्ली: टीवी विज्ञापन हमारे दिमाग पर कैसा असर डाल सकते हैं इसका ताज़ा उदाहरण है अजमेर का एक बेहद दिलचस्प मामला. दरअसल, चॉकलेट कंपनी Cadbury के एक विज्ञापन का छठी कक्षा में पढ़ने वाले एक लड़के पर कुछ ऐसा असर हुआ कि उसने पिता की बात अनसुनी कर दी. जब पिता ने अपने बेटे से दोबारा उसी काम को करने के लिए कहा तो Cadbury के इस विज्ञापन से प्रेरित बच्चे ने जवाब दिया कि "काम नहीं करके भी मदद की जा सकती है".

Cadbury विज्ञापन का बच्चे पर असर

पिता अमित गांधी अपने बेटे के इस जवाब से चौंक गए. उन्होंने अपने बेटे को ऐसा नहीं करने के लिए समझाया. लेकिन बेटे के दिमाग पर हावी विज्ञापन ने अमित गांधी को सोचने पर मजबूर कर दिया, इसलिए उन्होंने सीधा अजमेर के उपभोक्ता आयोग में कंपनी के विज्ञापन के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. पिता ने याचिका में कहा कि ये विज्ञापन भारतीय संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ है लिहाजा इस पर तुरंत रोक लगाई जाए. उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को नोटिस जारी करके 4 मई तक जवाब तलब किया है. 

ये भी पढ़ें- साल भर में खत्म होंगे देश के सभी Toll Plaza, जितना सफर उतना ही लगेगा टोल, फ्री मिलेगा GPS सिस्टम

क्या है पूरा मामला 

अजमेर के रामनगर में रहने वाले एडवोकेट अमित गांधी ने बताया कि कुछ दिन पहले 6वीं क्लास में पढ़ने वाले बेटे प्रक्षाल से उन्होंने दादा जी को दवाई देने के लिए कहा. बेटे ने उस समय दवा नहीं दी और चॉकलेट खाता रहा. अमित अपने बेटे के इस व्यवहार पर थोड़ा नाराज हुए और डांट दिया. बेटे ने डांटने पर कहा- "पापा... कुछ नहीं करने से भी लोगों की मदद हो सकती है और उनकी जान भी बच सकती है". इसके बाद बेटे ने चॉकलेट कंपनी के विज्ञापन के बारे में बताया और उनको विज्ञापन दिखाया भी. 

चॉकलेट कंपनी का विज्ञापन असंवेदनशील

अमित गांधी का कहना है कि विज्ञापन में एक बूढ़ी महिला के निवेदन के प्रति उस लड़के को असंवेदनशील दिखाया गया है. यह ठीक नहीं है, इस तरह के विज्ञापन से समाज में गलत मैसेज जाता है. साथ ही कुछ न करने और किसी की मदद न करने जैसा संदेश दिया जा रहा है.

5 लाख का मुआवजा मांगा

अपनी याचिका में अमित गाँधी ने मांग की है कि भ्रामक विज्ञापन पर रोक लगाई जाए और 5 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति की मांग भी की है. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा, सदस्य अलका रानी जैन ने याचिका पर सुनवाई की और चॉकलेट कंपनी को नोटिस जारी कर 4 मई को जवाब तलब किया गया है. अमित ने कहा कि एक नज़ीर होगी ऐसे भ्रामक विज्ञापनों के लिए और इससे मिलने वाला हर्जाना उपभोक्ता कल्याण कोष में दान करेंगे.

ये है विज्ञापन

कैडबरी चॉकलेट के विज्ञापन में एक युवा लड़के और एक वृद्ध महिला को दिखाया जाता है. इसमे वृद्ध महिला की छड़ी गिरने पर वह उस लड़के को छड़ी उठाकर देने के लिए कहती है. वह लड़का छड़ी को उठाने के बजाय अपनी ही धुन में फाइव स्टार चॉकलेट खाता रहता है और मदद के लिए कुछ नहीं करता. बाद में बुजुर्ग महिला खुद छड़ी उठाने के लिए उठती है और महिला दुर्घटना से बच जाती है. विज्ञापन के अंत में मैसेज दिया जाता है कि कभी कुछ ना करके भी देखो.

ये भी पढ़ें- आ गई Jeep की 'मेड इन इंडिया' SUV Wrangler, कीमत 53.9 लाख रुपये, पहले से 10 लाख सस्ती

LIVE TV

Trending news