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दिल्ली: अगर आप प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. आपकी सैलरी से पीएफ का जो पैसा कटता है उस पर सरकार अच्छा-खासा ब्याज देती है. लेकिन कुछ लोग नौकरी बदलने के साथ ही उस खाते को खाली कर देते हैं जो बहुत ही नुकसानदेह है. अगर आपने भी हाल फिलहाल में नौकरी बदली है तो आप ये गलती बिल्कुल न करें क्योंकि इससे आपका बड़ा नुकसान होता है.
EPFO के मुताबिक किसी भी कर्मचारी को नौकरी बदलने पर पीएफ खाता खाली नहीं करना चाहिए. दरअसल लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि नौकरी छोड़ने के बाद उस खाते पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं है. नियमों के मुताबिक नौकरी छोड़ने के बाद भी खाते पर ब्याज मिलता रहता है.
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन गैर सक्रिय खातों पर भी 3 साल तक ब्याज देता है. अगर किसी कर्मचारी ने नौकरी छोड़ने के बाद खाता खाली नहीं किया तो EPFO तीन साल तक उस पर ब्याज देता है. खाता खाली करने पर आप अच्छे भविष्य के लिए की जा रही बचत को तो खत्म करते ही हैं, साथ ही पेंशन योजना भी प्रभावित होती है. इसलिए पीएफ खाते को कभी भी खाली नहीं करना चाहिए. नौकरी बदलने पर नई कंपनी में पुराने खाते की जानकारी दे देनी चाहिए.
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कर्मचारी और कंपनी दोनों मिलकर मूल वेतन का 12-12 फीसदी हिस्सा पीएफ खाते में जमा करते हैं. इस खाते पर सरकार ब्याज देती है. इस समय पीएफ खातों पर 8.50 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है. ये ब्याज दर दूसरे बचत खातों के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है. इस वजह से कर्मचारी पीएफ खाते में से रकम बहुत जरूरत पड़ने पर ही निकालते हैं.
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