इस शहर में बिजली चोरों की अब खैर नहीं, Drone कैमरे से पकड़े जाएंगे
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इस शहर में बिजली चोरों की अब खैर नहीं, Drone कैमरे से पकड़े जाएंगे

टाटा पावर कंपनी अब बिजली के फॉल्ट और चोरी का पता लगाने के लिए ड्रोन उड़ा रही हैं. 2किलो वजन का ड्रोन टाटा DDL पावर का सबसे तेज तर्रार कर्मचारी है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्लवालों को सस्ती बिजली का तोहफा दिया है. एक परिवार अगर 200 यूनिट तक अगर बिजली की खपत करता है तो उसे कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा. ऐसे में अब दिल्ली सरकार ने बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम कसने की दिशा में कदम बढ़ाया है. अब ड्रोन कैमरे की मदद से बिजली चोरी की पेट्रोलिंग की जाएगी. कैमरे से नजर रखी जाएगी कि कहां बिजली की चोरी की जा रही है. इसके साथ ही बत्ती गुल होने पर अब ड्रोन तकनीक से इसे ठीक भी किया जाएगा.

1 महीने से ड्रोन पर काम जारी
टाटा पावर कंपनी अब बिजली के फॉल्ट और चोरी का पता लगाने के लिए ड्रोन उड़ा रही हैं. 2किलो वजन का ड्रोन टाटा DDL पावर का सबसे तेज तर्रार कर्मचारी है .धीरपुर में 32 kVA की लाइन से दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में बिजली कि सप्लाई होती है. इस खंबे में खराबी का मतलब घंटो बिजली का गुल रहना है. लिहाजा इंसुलेटर और जम्पर की खराबी का पता करने के लिए प्राइवेट बिजली कंपनी के कर्मचारी बीते 1 महीने से ड्रोन से हवाई मुआयना कर रहे है. टाटा पावर के लाइन मैनेजर रोशनलाल डोगरा के मुताबिक "कोई पेड़ की डाली ट्रांसमिशन लाईन को डिस्टर्ब कर रही है या जम्पर, इनसुलेटर खराब हो जाता है तो ऐसे हालात में तमाम गड़बड़ियां ड्रोन अपने कैमरे में कैद कर लेता है और सूचना हमे देता है जिससे उस फॉल्ट को ठीक कर लिया जाता है. इससे इलाके में बत्ती गुल भी नहीं होता है."

66KV सब स्टेशन की ड्रोन से निगरानी
बिजली के खंभे के साथ ही ड्रोन के जरिये 66KV के सब स्टेशन की निगरानी की जा रही है. पेट्रोलिंग के दौरान ड्रोन एरियल शॉट्स भी कैमरे में रिकॉर्ड कर रहा होता है. ड्रोन कैमरे द्वारा की गई रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल  भविष्य में आनेवाली खराबी को जांचने के लिए किया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अब तक 60 से ज्यादा पावर ब्रेकडाउन रोकने में मदद मिली है और बत्ती गुल किए बिना ही प्रॉब्लम ठीक कर ली गई. ड्रोन न सिर्फ बिजली के तारों की गड़बड़ी का पता लगा रहे है बल्कि इन्हें घनी आबादी वाले इलाके में बिजली की चोरी पकड़ने के लिए भी उड़ाया जा रहा है. दिल्ली की क्लस्टर कॉलनियों और मोहल्लों के घरों के उपर चक्कर लगाकर ड्रोन यह भी पता कर रहा है कि किन लोगों ने अपने घर में कटिया कनेक्शन लगा रखा है. 

बिजली कंपनी का होगा फायदा 
नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में टाटा पावर के इस पायलट प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है. शुरुआत में ड्रोन को मेंटिनेंस के लिए यूज किया जाएगा, लेकिन आनेवाले वक्त में बिजली चोरों पर शिंकजा कसने में भी इसका उपयोग होगा. टाटा पावर DDL के सीईओ संजय बागा के मुताबिक, अभी यह पायलट प्रोजेक्ट ही है. फिलहाल 1 ड्रोन से मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन 4 से 5 ड्रोन आनेवाले वक्त में काम पर लगाए जाएंगे. ड्रोन के इस्तेमाल से 10 फीसदी समय और पैसा बचेगा. ट्रिपिंग भी ना के बराबर होगी. हालांकि, दिल्ली जैसे शहरों में जहां ज्यादातर घनी बस्तियां है वहां यह ड्रोन कितने कारगर होंगे यह देखना होगा.

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