सुपरटेक के खिलाफ मनी लॉन्‍ड्र‍िंग केस में DLF रडार पर! गुरुग्राम ऑफ‍िस में छापेमारी
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सुपरटेक के खिलाफ मनी लॉन्‍ड्र‍िंग केस में DLF रडार पर! गुरुग्राम ऑफ‍िस में छापेमारी

DLF and Supertech: सुपरटेक लिमिटेड और उसके ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज 26 एफआईआर से जुड़ा है.

सुपरटेक के खिलाफ मनी लॉन्‍ड्र‍िंग केस में DLF रडार पर! गुरुग्राम ऑफ‍िस में छापेमारी

Supertech Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉन्‍ड्र‍िंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी (ED) की तरपु से गुरुग्राम में प्रमुख रियल्टी कंपनी डीएलएफ के परिसरों की तलाशी ली गई. सूत्रों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ईडी ने पिछले कुछ दिनों में हुई कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए हैं. सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई सुपरटेक के खिलाफ ईडी की जांच से जुड़ी है.

डीएलएफ की तरफ से कोई प्रत‍िक्र‍िया नहीं

इस बारे में ई-मेल कर डीएलएफ से पूछा गया. लेकिन डीएलएफ की तरफ से इस बारे में क‍िसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई. ईडी ने इस मामले में सुपरटेक के प्रमोटर राम किशोर (आरके अरोड़ा) अरोड़ा को जून में गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्‍ड्र‍िंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज क‍िया गया था. इसमें दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस विभागों द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और उसके ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज 26 एफआईआर से जुड़ा है.

वादा की गई परियोजनाएं पूरी नहीं हुईं
ईडी ने कहा था कि सुपरटेक ग्रुप के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये की भारी मात्रा में धन की हेराफेरी की गई. ब‍िल्‍डर ग्राहकों को समय पर फ्लैट का कब्जा देने के लिए अपने ज‍िम्‍मेदारी का पालन करने में विफल रहा. इसमें दावा किया गया है कि सुपरटेक ग्रुप ने 2013-14 में गुरुग्राम में जमीन खरीदने के लिए ग्राहकों और घर खरीदारों से म‍िले 440 करोड़ रुपये ज्‍यादा ऊंची कीमतों पर निकाल लिए, जबकि नोएडा में उनकी पहले से वादा की गई परियोजनाएं पूरी नहीं हुईं.

बैंकों ने धोखाधड़ी घोष‍ित क‍िया
आरोप लगाया गया क‍ि इस नई अधिग्रहीत भूमि पर एक नई परियोजना शुरू की गई. सैकड़ों घर खरीदारों से एडवांस पैसा ल‍िया गया और बैंकों / एनबीएफसी से लोन लिया गया. बैंकों और एनबीएफसी का पैसा एनपीए बन गया और बैंकों द्वारा इसे ‘धोखाधड़ी’ घोषित कर दिया गया. (इनपुट : भाषा)

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