EPFO ने बदला कैश विड्रॉल का नियम, अब निकाल सकेंगे दोगुना पैसा
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EPFO ने बदला कैश विड्रॉल का नियम, अब निकाल सकेंगे दोगुना पैसा

EPF withdrawal limit: ईपीएफओ ने पैसा निकालने के नियमों में बदलाव कर दिया है. अब पैसा निकालने की लिमिट (epf withdrawal limit) को डबल कर दिया गया है. हालांकि, EPFO ने इलाज के लिए पैसा निकालने की राशि को दोगुना कर दिया है. 

EPFO ने बदला कैश विड्रॉल का नियम, अब निकाल सकेंगे दोगुना पैसा

EPFO New Rules: अगर आप भी नौकरीपेशा है तो आपके फायदे की खबर है. EPFO की तरफ से नौकरी करने वालों को बड़ी राहत मिल गई है. ईपीएफओ ने पैसा निकालने के नियमों में बदलाव कर दिया है. अब पैसा निकालने की लिमिट (epf withdrawal limit) को डबल कर दिया गया है. हालांकि, EPFO ने इलाज के लिए पैसा निकालने की राशि को दोगुना कर दिया है. आइए आपको बताते हैं कि अब आप कितना पैसा निकाल सकते हैं?

EPFO की तरफ से मेडिकल संबंधी एडवांस विड्रॉल के नियमों में बदलाव कर दिया गया है. पहले यह क्लेम की लिमिट 50,000 रुपये थी और अब इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. 16 अप्रैल को जारी किए गए सर्कुलर से इस बारे में पता चला है. ईपीएफओ की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, अब आप 1 लाख रुपये की निकासी कर सकते हैं. 

आंशिक निकासी के लिए होता है फॉर्म 31

EPFO ने फॉर्म 31 के पैरा 68J के तहत पैसा निकालने की लिमिट को डबल किया है. ईपीएफ को फॉर्म 31 आंशिक निकासी के लिए होता है. कई कामों के लिए समय से पहले पैसा निकालने संबंधी कामो के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें आप घर बनाने, मकान खरीदने, शादी करने और इलाज कराने के लिए पैसा निकाल सकते हैं. 

किस स्थिति में निकाल सकते हैं 1 लाख रुपये?

फॉर्म 31 का पैरा 68J बीमारी के इलाज के लिए आंशिक राशि निकालने के लिए इस्तेमाल होता है. इसके तहते पहले आप सिर्फ 50,000 रुपये निकाल सकते थे, लेकिन अब आप 1 लाख रुपये निकाल सकते हैं. लेकिन पैसा निकालते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कर्मचारी अपनी 6 महीने की बेकिस और DA या फिर कर्मचारी का ब्याज समेत हिस्सा नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां... अगर इस राशि के ऊपर आपके खाते में 1 लाख का फंड है तो आप वह निकाल सकते हैं. 

किन स्थितियों में कर सकते हैं दावा?

EPFO के मुताबिक, खाताधारक इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ जानलेवा बीमारियों के लिए ही कर सकते हैं. वो भी आप तब पैसा निकाल सकते हैं जब कर्मचारी या फिर उसका मरीज अस्पताल में भर्ती हो. बता दें कर्मचारी का सरकारी अस्पताल या फिर सरकार से जुड़े किसी अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है. वहीं, अगर आपने मरीज को किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया है तो उसकी पहले जांच होगी फिर आप दावा कर सकते हैं. 

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