वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगे कर्ज और EMI पर कह दी दिल जीत लेने वाली बात, अगर RBI सुन ले तो मिडिल क्लास की हो जाएगी बल्ले-बल्ले
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगे कर्ज और EMI पर कह दी दिल जीत लेने वाली बात, अगर RBI सुन ले तो मिडिल क्लास की हो जाएगी बल्ले-बल्ले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भले ही मिडिल क्लास को टैक्स में राहत न दे पाईं हो, लेकिन उन्होंने कर्ज और उसकी ब्याज दरों को लेकर जो कहा वो लोगों को दिल जीत लेगा. खासकर मिडिल क्लास उनकी इस बात को सुनकर गदगद हो जाएंगे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगे कर्ज और EMI पर कह दी दिल जीत लेने वाली बात, अगर RBI सुन ले तो मिडिल क्लास की हो जाएगी बल्ले-बल्ले

Finance Minister Nirmala Sitharaman on Interest Rate: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भले ही मिडिल क्लास को टैक्स में राहत न दे पाईं हो, लेकिन उन्होंने कर्ज और उसकी ब्याज दरों को लेकर जो कहा वो लोगों को दिल जीत लेगा. खासकर मिडिल क्लास उनकी इस बात को सुनकर गदगद हो जाएंगे. महंगे कर्ज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास के मन की बात कह दी. एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा बैंक ब्याज दरें कर्ज लेने वालों के लिए परेशानी का सबब हैं. उन्होंने कहा कि महंगे कर्ज से लोगों को राहत मिलनी चाहिए. ब्याज दरों को अर्फोडेबल बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है.  

महंगे कर्ज से मिलनी चाहिए राहत  

 SBI बैंकिंग एंड इकोनोमिक्स कॉन्क्लेव 2024 में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बॉरोइंग कॉस्ट वाकई में ज्यादा है. उन्होंने कहा कि कर्ज ऐसे वक्त में महंगा है, जब बिजनेस का विस्तार करना चाहते हैं. जब हम इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहते हैं और क्षमता निर्माण में भी बढ़ोतरी करना चाहते हैं. ऐसे वक्त में हमें ब्याज दरों को किफायती बनाने की जरूरत है.   

महंगे कर्ज से बेहद दवाब में है लोग  

मिडिल क्लास के दर्द को समझते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक ब्याज दरें कुछ लोगों के लिए बेहद दबाव वाली हैं. उन्होंने बैंकों से कहा कि कर्ज को सस्ता बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. बता दें कि आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बनाए रखा है. रेपो रेट में कटौती की उम्मीद हर बार अधूरी रह जाती है. 

क्या आरबीआई रेपो रेट में करेगा कटौती? 

बता दें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी 2023 के बाद से ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है. तब इसे 0.25% बढ़ाकर 6.5% किया गया था, उसके बाद से ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की गई. बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. यानी अगर रेपो रेट घटता है तो  होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की किस्त कम हो जाती है. हालांकि महंगाई दर आरबीआई की उम्मीद से ऊपर है, लेकिन वित्त मंत्री की ब्याज दरों को लेकर जताई गई चिंता के बाद से एक बार फिर से आम आदमी की सस्ती ब्याज दरों की उम्मीद जग गई है . लोगों को उम्मीद है कि दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है.  बढ़ती महंगाई के बीच देश की वित्त मंत्री का ये बयान आरबीआई के लिए बड़ी चुनौती है.   

टैक्स पर कही ये बात 

इससे पहले टैक्स को लेकर इस यूजर के पोस्ट पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वो मिडिल क्लास की चिंताओं को समझती है. तुषार शर्मा नाम के यूजर से टैक्स राहत को लेकर पोस्ट किया था, जिसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने लिखा, कि आपके दयालु शब्दों और आपकी समझ के लिए धन्यवाद. मैं आपकी चिंता को समझती हूं और उसकी सराहना करती हूं. उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार एक उत्तरदायी सरकार है, जो लोगों की आवाज़ सुनती है और उन पर ध्यान देती है.  

 

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