FPI उड़ा रहे शेयर बाजार की नींद, हफ्तेभर में बाजार से निकाल लिए 20 हजार करोड़
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FPI उड़ा रहे शेयर बाजार की नींद, हफ्तेभर में बाजार से निकाल लिए 20 हजार करोड़

भारतीय शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. शेयर बाजार में लगातार उठापटक की स्थिति बनी हुई हैं. सेंसेक्स और निफ्टी में अप डाउन जारी है. इस अस्थिरता की बड़ी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक है, जो लगातार बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं.

 FPI उड़ा रहे शेयर बाजार की नींद, हफ्तेभर में बाजार से निकाल लिए 20 हजार करोड़

FPI investment: भारतीय शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. शेयर बाजार में लगातार उठापटक की स्थिति बनी हुई हैं. सेंसेक्स और निफ्टी में अप डाउन जारी है. इस अस्थिरता की बड़ी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक है, जो लगातार बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं. शेयर बाजार और उसके निवेशकों की अक्टूबर की शुरुआत से नींद उड़ी हुई है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार की नींद उड़ाई हुई है. बीते एक हफ्ते में FPI ने बाजार से 20 हजार करोड़ की निकासी कर ली है. 

अक्टूबर से अब तक एफपीआई ने शेयर बाजार से एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल लिए हैं. जिसका असर शेयर बाजार में देखने को मिला है.  अक्टूबर के बाद नवंबर महीने के पहले हफ्ते में भी विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से करीब 20 हजार करोड़ रुपए निकाल लिए.  शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों का पलायन बीते सप्ताह बेरोकटोक जारी रहा.  विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में लगभग 20,000 करोड़ रुपये निकाले.  

आगे कैसी रहेगी स्थिति

घरेलू शेयरों के अधिक मूल्यांकन और चीन में अपना आवंटन स्थानांतरित करने के कारण एफपीआई ने बिकवाली की. ऐसे में एफपीआई 2024 में अब तक इक्विटी बाजार में शुद्ध विक्रेता बन गए हैं, और उन्होंने कुल 13,401 करोड़ रुपये की निकासी की है. आने वाले समय में एफपीआई की बिकवाली जारी रहने का अनुमान है. अगर तीसरी तिमाही के नतीजे और प्रमुख संकेतक आय में सुधार का संकेत देते हैं, तो यह परिदृश्य बदल सकता है और एफपीआई बिकवाली कम कर सकते हैं. मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा कि अमेरिका में नव निर्वाचित राष्ट्रपति जनवरी 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे. इसलिए भारतीय बाजार निकट अवधि में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों, कॉरपोरेट आय और खुदरा निवेशकों के रुख से प्रभावित होगा. 

एक महीने में FPI की बिकवाली  

आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने अब तक 19,994 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. यह एफपीआई की अब तक की सबसे अधिक बिकवाली थी. सितंबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था. एफपीआई के भारतीय इक्विटी से बाहर निकलने का एक प्रमुख कारण चीन के प्रति उनका नया आकर्षण है. उनका मानना है कि इस समय चीन का मूल्यांकन आकर्षक है. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि चीन ने हाल ही में अपनी धीमी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं.  इनपुट-भाषा

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