अगर आप करते हैं फॉरेन ट्रांजैक्शन तो जानिए कितना लगेगा टैक्स, 1 जुलाई से बदल जाएंगे नियम
Advertisement
trendingNow11752090

अगर आप करते हैं फॉरेन ट्रांजैक्शन तो जानिए कितना लगेगा टैक्स, 1 जुलाई से बदल जाएंगे नियम

Foreign Transactions: अगर आप भी विदेश में पैसे भेजते हैं तो 1 जुलाई 2023 से विदेश में होने वाले लेन-देन पर लगने वाले टैक्स नियमों में बदलाव होने जा रहा है. ऐसे में आप यह जरूर जान लें कि नया नियम क्या है...

अगर आप करते हैं फॉरेन ट्रांजैक्शन तो जानिए कितना लगेगा टैक्स, 1 जुलाई से बदल जाएंगे नियम

Foreign Transactions: ऐसे लोग जो अपने पढ़ाई के लिए बच्चों, रिश्तेदारों या फिर किसी भी काम के लिए विदेशों में पैसे ट्रांसफर हैं तो आपके लिए यह बहुत जरूरी है. दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 1 जुलाई 2023 से विदेश भेजे जाने वाली रकम पर लगने वाले टैक्स नियमों में बदलाव करने जा रहा है. अगर आप भी फॉरेन ट्रांजैक्शन करते हैं तो यहां जानिए कि 1 जुलाई से आपको विदेश लेन-देन पर कितना टीसीएस का भुगतान करना पडे़गा. 

जानिए कितना कटेगा टीसीएस 
विदेश भेजने वाले पैसों पर 20 फीसदी का टीसीएस डिडक्शन किया जाएगा. यह बदलाव 1 जुलाई 2023 से लागू हो जाएगा. बता दें कि यह फैसला एलआरएस के तहत लिया गया है. अगर आप मेडिकल या फिर पढ़ाई के लिए देश से बाहर पैसे भेजते हैं तो आपको 5 प्रतिशत टीसीएस देना होगा. जानकारी के मुताबिक 7 लाख से ज्यादा की रकम के ट्रांजैक्शन पर  टीसीएस काटा जाता है. 

जानिए क्या है न्यू रूल
1 जुलाई से विदेश भेजने वाले पैसे पर 20 फीसदी का टीसीएस कटेगा। अगर आप मेडिकल या फिर एजुकेशन के लिए 7 लाख से ज्यादा पैसे भेजते हैं तो आपको 5 फीसदी का टीसीएस देना होगा.

मान लीजिए कि आप विदेश में किसी को 10 लाख रुपये भेजते है तो आपको 12 लाख रुपये बैंक में डिपॉजिट करना होगा. ये एक्स्ट्रा 2 लाख रुपये इस ट्रांजैक्शन पर लगने वाला टीसीएस होगा. हालांकि, आप इसपर टैक्स में छूट पर बेनिफिट ले सकते हैं. इसके लिए आईटीआर फाइल करने के दौरीन आप टैक्स क्रेडिट केतौर पर क्लेम कर सकते हैं. 

जानिए कितना मिलता है बेनिफिट
अगर आपको 3 लाख तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो आपको सिर्फ 1 लाख रुपये ही देना होगा, क्योंकि 2 लाख रुपये का क्लेम टीडीएस के तौर पर टैक्स क्रेडिट के रूप में होगा. 

बदलाव का उद्देश्य
नियम में बदलाव का मकसद विदेशी ट्रांजैक्शन पर नजर रखना है. 
विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखना है. 
मनी लॉन्ड्रिंग को कम करना 
कर राजस्व बढ़ाना
ज्यादा आयकर रिटर्न जमा करने के लिए बदलाव किया जा रहा. 

Trending news