पिछले वित्तीय वर्ष के 4,618 करोड़ रुपए की तुलना में 30% की बढ़ोतरी हुई है, जिसका कारण प्रत्येक खंड में बेहतर भौतिक निष्पादन तथा बेहतर वसूली रहा. कंपनी का टर्नओवर 39% बढ़कर 74,808 करोड़ रुपए हुआ तथा कर पूर्व लाभ 31% बढ़कर 9,085 करोड़ रुपए हुआ.
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नई दिल्ली: गेल (इंडिया) लिमिटेड ने तीन दशकों में अब तक का सबसे बड़ा मुनाफ हुआ है. वित्त वर्ष 2018-19 में 6,026 करोड़ रुपए का अब तक सर्वाधिक कर पश्चात लाभ दर्ज किया. पिछले वित्तीय वर्ष के 4,618 करोड़ रुपए की तुलना में 30% की बढ़ोतरी हुई है, जिसका कारण प्रत्येक खंड में बेहतर भौतिक निष्पादन तथा बेहतर वसूली रहा. कंपनी का टर्नओवर 39% बढ़कर 74,808 करोड़ रुपए हुआ तथा कर पूर्व लाभ 31% बढ़कर 9,085 करोड़ रुपए हुआ.
वर्ष के दौरान कंपनी ने प्राकृतिक गैस विपणन में 14% और प्राकृतिक गैस संचरण की मात्रा में 2% की बढ़ोतरी दर्ज की. जबकि पेट्रोकेमिकल, तरल हाइड्रोकार्बन (एलएचएस) और एलपीजी संचरण खंड में बिक्री की मात्रा में क्रमश: 9%, 4% और 7% की बढ़तरी हुई है. प्रति शेयर आय 30% की वृद्धि के साथ 20.48 रुपए से 26.72 रुपए रहा. निदेशक मंडल ने प्रदत्त शेयर (बोनस पूर्व निर्गम) पर 1.77 रुपए प्रति शेयर (शेयरधारकों के अनुमोदन के अध्यधीन) के अंतिम लाभांश की अनुशंसा की है, जिसके कारण वर्ष के लिए कुल लाभांश 8.02 रुपए प्रति शेयर हुआ.
निदेशक मंडल ने धारित प्रत्येक एक इक्विटी शेयर के लिए एक पूर्ण प्रदत्त बोनस शेयर की अनुशंसा भी की है (शेयरधारकों के अनुमोदन के अध्यधीन). तिमाही आधार पर गेल ने वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10% की बढ़ोतरी के साथ 1,122 करोड़ रुपए का कर पश्चात लाभ दर्ज किया है. तिमाही के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में कंपनी ने सभी खंडों में भौतिक कार्यनिष्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की, जिसमें प्राकृतिक गैस विपणन 10%, प्राकृतिक गैस संचरण मात्रा 3%, पेट्रोकेमिकल की बिक्री 12%, तरल हाइड्रोकार्बन की बिक्री 4% तथा एलपीजी संचरण की मात्रा में 4% की बढ़ोतरी हुई है.
वर्ष 2018-19 के दौरान कुल समेकित समूह टर्नओवर 75,912 करोड़ रुपए रहा, जबकि समूह कर पश्चात लाभ 6,546 करोड़ रुपए हुआ. सीजीडी समूह कंपनियां आईजीएल, एमजीएल, गेल गैस तथा पेट्रोनेट एलएनजी समूह लाभ में योगदान जारी रखा. समस्त प्रभावों के बाद, समेकित विवरण के अनुसार प्रति शेयर आय वित्त वर्ष 19 में 29.03 रुपए रहा जबकि गत वर्ष यह 21.28 रुपए था.
गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बी. सी. त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष कंपनी की लाभप्रदता में सभी खंडों ने सकारात्मक योगदान दिया. विपणन, गैस परिसंचरण, एलएचसी तथा पेट्रोकेमिकल खंडों ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर कार्यनिष्पादन दर्ज किया. इसका प्रमुख कारण रहा भौतिक निष्पादन में सुधार तथा इन खंडों में बेहतर वसूली. गेल का कर पश्चात लाभ पिछले तीन वर्षों में वर्ष दर 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की.
गेल के सीएमडी ने अवगत कराया कि गेल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 8,300 करोड़ रुपए का रिकार्ड कैपेक्स सृजित किया, जो कि चल रहे 5,500 किमी लंबी पाइपलाइन परियोजना में रहा, जिससे आगामी कुछ वर्षों में कुल निवेश 32,000 करोड़ रुपए हो गया है. गेल की पूर्ण सहायिकी गेल गैस लिमिटेड तथा इसके संयुक्त उद्यमों ने सीजीडी बोली के नौवें तथा दसवें दौर में भाग लिया तथा क्रमश: 15 तथा 8 भौगोलिक क्षेत्रों (जी.ए.) में जीत हासिल की है. सीजीडी पोर्टफोलियो में 12,000 करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता है.
गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने यह भी अवगत कराया कि “गेल, देश में प्राकृतिक गैस का इंफ्रास्ट्रक्चर सृजित करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है. इसमें उन क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा, जहां अब तक हरित ईंधन अभी तक नहीं पहुंच सका है. अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की भांति पाइपलाइन से परिणाम थोड़ी देर से मिलते हैं तथा गेल अपने मजबूत तुलन पत्र के बल पर पर्याप्त मात्रा में ऋण हासिल करेगा ताकि राष्ट्र के बृहद हित में प्राकृतिक गैस इंफ्रास्ट्रचर को पूर्ण किया जा सके.”
गेल के पास 14 हजार किमी का गैस पाइपलाइन नेटवर्क
गेल के पास पहले से देश में 14 हजार किलोमीटर का गैस पाइपलाइन नेटवर्क है. कंपनी पूर्वी तथा दक्षिणी भारत के उन क्षेत्रों में छह हजार किलोमीटर का नया पाइपलाइन नेटवर्क बनाने पर 32 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है जहां अभी पाइपलाइन बिछाया नहीं गया है. इसके अलावा कंपनी शहरी गैस वितरण के लिये 12 हजार करोड़ रुपये, पेट्रोरसायन विनिर्माण संयंत्र के विस्तार के लिये 10 हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है.