रिपोर्ट में कहा गया कि पहले कोविड-19 महामारी, फिर यूक्रेन में युद्ध और इसके बाद दुनियाभर में महंगाई और ब्याज दर में बढ़ोतरी के कारण 2020 की पहली छमाही में ऐसा लग रहा है कि यह 30 साल में आधे दशक का सबसे खराब प्रदर्शन होगा.
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Global Growth: वर्ल्ड बैंक ने ग्लोबल इकोनॉमी के लिए निराशाजनक परिदृश्य का अनुमान लगाया है. साल 2024 में लगातार तीसरे साल ग्रोथ रेट की रफ्तार धीमी रहने की संभावना जताई है. यह आशंका ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में जताई गई. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि वर्ल्ड इकोनॉमिक ग्रोथ 2024 (World Economic Growth 2024) में और कम होकर 2.4 प्रतिशत पर आ जाएगी. साल 2025 में 2.7 प्रतिशत तक पहुंचने से पहले जो 2010 के दशक में देखी गई 3.1 प्रतिशत की औसत वृद्धि से काफी कम है.
2020 में सबसे ज्यादा खराब थी हालत
साल 2021 में 6.2 प्रतिशत के बाद कोविड-19 महामारी के कारण कम आधार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि वैश्विक वृद्धि 2022 में 3 प्रतिशत और फिर 2023 में 2.6 प्रतिशत हो जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि पहले कोविड-19 महामारी, फिर यूक्रेन में युद्ध और इसके बाद दुनियाभर में महंगाई और ब्याज दर में बढ़ोतरी के कारण 2020 की पहली छमाही में ऐसा लग रहा है कि यह 30 साल में आधे दशक का सबसे खराब प्रदर्शन होगा.
ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन में आधी कटौती
वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने एक बयान में कहा, 'अगले दो साल के बाद भी परिदृश्य अंधकारमय है.' गिल ने कहा, '2024 का अंत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दशक होने की उम्मीद के आधे बिंदु को चिन्हित करेगा - जब ज्यादा गरीबी को समाप्त किया जाना था, जब प्रमुख संचारी रोगों को समाप्त किया जाना था और जब ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन में लगभग आधी कटौती की जानी थी.'
वर्ल्ड बैंक के उप मुख्य अर्थशास्त्री अहान कोसे ने कहा कि इससे 2008-2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के आसपास के सालों की तुलना में 2020-2024 की अवधि में विकास कमजोर हो जाएगा. इस बीच, विश्व बैंक का मानना है कि भारत की वृद्धिदर 2023-24 में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 6.4 प्रतिशत और 2025-26 में 6.5 प्रतिशत हो जाएगी.
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज विकास दर बनाए रखने का अनुमान है, लेकिन महामारी के बाद इसकी रिकवरी धीमी होने की उम्मीद है.' रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश में मामूली गिरावट आने की उम्मीद है, लेकिन बैंकिंग क्षेत्र सहित उच्च सार्वजनिक निवेश और बेहतर कॉर्पोरेट बैलेंस शीट द्वारा समर्थित मजबूत बना रहेगा.