Currency News: 500 और 1000 रुपये के बाद बंद हो गया ये नोट, सरकार ने लिया बड़ा फैसला!
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Currency News: 500 और 1000 रुपये के बाद बंद हो गया ये नोट, सरकार ने लिया बड़ा फैसला!

Cureency News Update: देश भर में हुई नोटबंदी (Demonetization News) के बाद से करेंसी की खबरें तेजी से फैल रही है. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से बंद कर दिया गया था, लेकिन अब 500 और 1000 रुपये के नोटों के बाद में एक और नोट को बंद कर दिया है.

Currency News: 500 और 1000 रुपये के बाद बंद हो गया ये नोट, सरकार ने लिया बड़ा फैसला!

Currency News Update: देश भर में हुई नोटबंदी (Demonetization News) के बाद से करेंसी की खबरें तेजी से फैल रही है. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से बंद कर दिया गया था, लेकिन अब 500 और 1000 रुपये के नोटों के बाद में एक और नोट को बंद कर दिया है. एक बार फिर से सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आइए आपको बताते हैं 500 और 1000 रुपये के नोटों के बाद सरकार ने किस नोट को बंद करने का फैसला लिया है-

2016 में हुई थी नोटबंदी
साल 2016 में देशभर में नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसमें 500 और 1000 रुपये के नोटों को डीमोनटाइज किया गया था. हालांकि सरकार ने उसके बाद में फिर से 500 रुपये के नए नोटों को छापा और उसको बाजार में जारी कर दिया. इस समय बाजार में 500 रुपये के नोट चल रहे हैं. वहीं, 1000 रुपये के नोट आज भी चलन से बाहर हैं. 

9 साल में बंद हुआ नोट
आपको बता दें सरकार पहले भी नोटों को चलन से बाहर कर चुकी है. आज हम उस नोट की बात कर रहे हैं, जिसे सबसे पहले 1938 में छापा गया था, लेकिन इसका सफर ज्यादा लंबा नहीं रहा और इसे महज 9 साल में ही बंद कर दिया गया. इसके बाद फिर इसे दोबारा चलन में लाया गया. जब यह नोट दोबारा मार्केट में आया तब भारत एक आजाद देश था और साल था 1954. इस बार यह नोट लंबे समय तक चलन में रहा. जब इस नोट को दोबारा बंद किया गया. यह नोट 10000 रुपये के का था.

देश में कौन से नोट हैं इस समय चलन में?
अभी देश में जो नोट चलन में हैं वह 10, 20, 50, 100 200, 500 और 2000 रुपये के हैं. आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 के मुताबिक आरबीआई को 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000, 5000, 10000 रुपये के नोट छापने का अधिकार है. इस तरह का अन्य मूल्यवर्ग, जो दस हजार रुपये से ज्यादा नहीं हो, को छापने का अधिकार प्राप्‍त है. 

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