नई दिल्ली: भारत सरकार (Modi government) ने एयर इंडिया (Air India) में अपनी 100% हिस्सेदारी (stake) बेचने का फैसला किया है. सरकार ने सोमवार को इसले लिए अपना प्लान भी सार्वजनिक कर दिया है. एयर इंडिया पर कुल कर्ज करीब 58,000 करोड़ रुपये है. 


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सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक 'रणनीतिक विनिवेश' के तहत एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस  के भी 100 फीसदी और AISATS के 50 फीसदी शेयर बेचेगी. 


इसके साथ प्रबंधन नियंत्रण का अधिकार भी कामयाब बोली लगाने वाले के हाथ चला जाएगा. सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI)यानी अभ‍िरुचि दिखाने के लिए 17 मार्च तक की डेडलाइन जारी की है.



बता दें पिछले साल नवंबर में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा था कि राष्ट्रीय कैरियर, एयर इंडिया का निजीकरण नहीं होने की स्थिति में इसे बंद करना होगा. उन्होंने हालांकि कहा कि सभी कर्मचारियों के लिए एक अनुकूल सौदा सुनिश्चित किया जाएगा. पुरी ने उच्च सदन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, 'मैं उस हद तक जाऊंगा और यह कहूंगा.' इसके बाद पुरी ने कहा कि निजीकरण नहीं होने पर एयरलाइन को बंद कर दिया जाएगा.


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बता दें एयर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की पहली कोशिश में मोदी सरकार ने मई 2018 में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था, लेकिन बोली के पहले चरण में एक भी निजी पार्टी ने रुचि नहीं दिखाई थी.