जीएसटी से संबंधित आपको कोई भी समस्या आ रही हो तो घबराने की जरूरत नहीं है. आपकी समस्या का निदान जल्द से जल्द ही होगा, चाहे आप देश के किसी भी कोने में हो. आपको वहीं पर समाधान मिलेगा.
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नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित आपको कोई भी समस्या आ रही हो तो घबराने की जरूरत नहीं है. आपकी समस्या का निदान जल्द से जल्द ही होगा, चाहे आप देश के किसी भी कोने में हो. आपको वहीं पर समाधान मिलेगा. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry), जीएसटी परिषद (GST Counsil) और CBIC के साझा प्रयास से एक समस्या निवारण समिति (Grievance Redressal Committee) बनाने जा रहा है. इस कमेटी में एक सेक्रेटरी की नियुक्ति होगी जो आपकी समस्या या परेशानी को सुनेगा और कमेटी के सामने रखेगा.
कमेटी के चेयरमैन उस ज़ोन के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर होगें और को चेयरमैन चीफ कमिश्नर होंगे. वहीं 12 सदस्य व्यापारी होंगे जो ट्रेड एसोसिएशन से होंगे और 4 सदस्य चार्टेड अकाउंटेंट या ऐसे प्रोफेशनल्स होंगे जो GST के व्यवहारिक जानकार होंगे या प्रैक्टिस कर रहे होंगे. कमेटी में GST की वेबसाइट और कंप्लायंस की देखरेख की देख कर रही संस्था GSTN के प्रतिनिधि होंगे. फॉर्म भरने या इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित कोई समस्या आ रही होगी तो GSTN को अधिकतम एक महीने में दूर करनी होगी. सभी समस्याओं के लिए अलग से पोर्टल बनेगा और हर एक का निदान समयबद्ध तारीख पर करना होगा.
पॉलिसी मामले में कोई समस्या का हल निकालना हो तो कमेटी CBIC को कहेगी और कुछ विशेष मामलों में जीएसटी परिषद के साथ मिलकर उसका हल निकालना जाएगा. समस्या निवारण समिति (Grievance Redressal Committee) की मीटिंग साल में चार बार होगी और हर दो साल में कमेटी के पदाधिकारियों में बदलाव होगा. अगर कोई सदस्य लगातार तीन बार मीटिंग में नहीं आया तो उसे हटा दिया जाएगा.
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आपका भेजे गए सुझाव या समस्या पर कमेटी के ज़रिये CBIC और GST काउंसिल मीटिंग में चर्चा हो सकती है. यानी आपकी समस्या तो सुलझेगी ही पर आप खुद GST के मामले में बड़े बदलाव का माध्यम बन सकते हैं. वो भी देश के किसी भी हिस्से में बैठकर. कमेटी बनने वाली है. अगर आपको कमेटी में शामिल होना है तो ज़ोनल GST अधिकारियों से मिलें.