How to file Income Tax: सरकार की तरफ से सेक्शन 87ए (87 A) के तहत टैक्स पेयर्स को टैक्स रिबेट दी जाती है, जो कि 3 से 7 लाख की आमदनी पर लागू होती है. न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से आप 7 लाख तक की इनकम पर किसी भी तरह की टैक्स देनदारी से मुक्त हो गए.
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New Tax Regime Fact: मोदी सरकार की तरफ से कल 10वां बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान मिडिल क्लॉस का सबसे ज्यादा ध्यान रखा है. अगले साल वित्त मंत्री 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. हालांकि इस बजट में टैक्स पेयर्स के लिए कुछ प्रावधान ऐसे किये गए, जो हर किसी को आसानी से समझ नहीं आ रहे. इस बार सरकार ने 7 लाख तक की आय पर 0 टैक्स कर दिया है. लेकिन यहां पर एक पेंच फंसा है, शायद उसे आप भी नहीं समझ पाए हो.
ये है टैक्स का गणित
सरकार नई टैक्स रिजीम को लगातार प्रमोट कर रही है. यही कारण है कि सरकार ने इसके तहत 7 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है. लेकिन यदि आपकी आय 7 लाख से ज्यादा है तो आपको टैक्स देना होगा, वो भी तीन लाख से ज्यादा की पूरी आमदनी पर है. इसके तहत तीन से 6 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख की आय पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख पर 15%, 12 से 15 लाख तक 20%, 15 लाख से ज्यादा पर 30% आयकर देना होगा. अब यहां पर कुछ लोग गच्चा खा जा रहे हैं.
50000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल
दरअसल, सरकार की तरफ से सेक्शन 87ए (87 A) के तहत टैक्स पेयर्स को टैक्स रिबेट दी जाती है, जो कि 3 से 7 लाख की आमदनी पर लागू होती है. न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से आप 7 लाख तक की इनकम पर किसी भी तरह की टैक्स देनदारी से मुक्त हो गए. इसमें 50000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है, यानी आपको 7.5 लाख तक की इनकम पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन यदि आपकी सैलरी में 200 रुपये भी बढ़े, (सालाना 2400 रुपये) तो आपको 25000 का फटका लग जाएगा. आइए समझते हैं कैसे-
62,500 रुपये की कमाई पर जीरो टैक्स
यदि आपकी आमदनी 7.5 लाख रुपये सालाना है तो सरकार की तरफ से आपको 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा दिया जा रहा है. 7 लाख की आमदनी पर जीरो टैक्स हुआ. 7.5 लाख की सालाना आमदनी पर हर महीने की इनकम 62,500 रुपये महीने होती है. अब बात करते हैं आपकी सैलरी 200 रुपये बढ़ी तो यह बढकर 62,700 रुपये हो गई.
62,700 रुपये की सैलरी पर 25,240 का टैक्स
यदि आपको हर महीने 62,700 रुपये की कमाई होती है तो आपकी सालाना आमदनी 7,52,400 रुपये हुई. यहां 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलने के बाद सालाना कमाई घटकर 7,02,400 रुपये रह गई यानी 7 लाख से ऊपर यानी टैक्स देना होगा. तीन से 6 लाख की आय पर 5 प्रतिशत के हिसाब से 15 हजार टैक्स. 6 से 9 लाख के बीच की आय पर 1,02,400 की आय पर आपको 10,240 रुपये का टैक्स देना होगा. दोनों मिलाकर आप पर 25,240 रुपये की टैक्स देनदारी हुई. इसमें आपको किसी तरह की रिबेट भी नहीं मिलेगी.
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