Income Tax In India: आयकर अधिनियम के तहत मिलने वाली छूट पहले सीमित लोगों को ही मिला करती थी. इस राज्य में जिन लोगों के पास एक विशेष सब्जेक्ट सर्टिफिकेट होता था, केवल उन्हें ही यह छूट मिलती थी.
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Income Tax Slab in India: इनकम टैक्स मतलब अगर आप सरकार द्वारा तय की गई कमाई से ज्यादा कमाते हैं तो आपको अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा सरकार को देना होता है. इस पैसे का इस्तेमाल देश के विकास में किया जाता था. भारत में एक ऐसा राज्य भी मौजूद है, जहां के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता है. आज हम आपको देश के एक ऐसे ही राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सालों से लोग टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं.
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल इस राज्य को आयकर अधिनियम की धारा, 1961 की धारा 10(26AAA) के तहत यहां के मूल निवासियों को इनकम टैक्स में छूट मिली हुई है, जिसके तहत यहां रह रहे लोगों को अपनी आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है.
आपको यह भी बता दें कि भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्यों को अनुच्छेद 371-F के तहत विशेष राज्यों का दर्ज प्राप्त है. यही वजह है कि देश के अन्य राज्यों के लोग यहां पर रिहायशी या व्यावसायिक किसी भी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं.
आयकर अधिनियम के तहत मिलने वाली छूट पहले सीमित लोगों को ही मिला करती थी. इस राज्य में जिन लोगों के पास एक विशेष सब्जेक्ट सर्टिफिकेट होता था, केवल उन्हें ही यह छूट मिलती थी. हालांकि, साल 1989 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसमें अन्य लोग भी शामिल हो गए, जिसके बाद इसका लाभ लेने वाले लोगों की संख्या 95 फीसदी हो गई. इस राज्य का नाम है सिक्किम.
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सिक्किम और भूटान को भारत की ओर से उन्हें हिमालय की तरफ अपने राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रस्ताव रखा. इस संबंध में 1948 में एक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए और आखिरकार साल 1950 में सिक्किम पूरी तरह से भारत में आ गया. उस समय इसके शासक चोग्याल हुआ करते थे. हालांकि, 26 अप्रैल 1975 का वह दिन था, जब सिक्किम का भारत में पूरी तरह विलय हो गया था.
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