वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बार फिर से आयकर रिटर्न भरने की तारीख को आगे बढ़ाकर के 30 नवंबर कर दिया है.
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नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बार फिर से आयकर रिटर्न भरने की तारीख को आगे बढ़ाकर के 30 नवंबर कर दिया है. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भरे जाने वाले आईटीआर फॉर्म को भी जारी कर दिया है. वहीं आईटीआर भरने के लिए जरूरी एक डॉक्यूमेंट फॉर्म 26AS में भी चार तरह के बदलाव कर दिए हैं.
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए फॉर्म 16 और 16ए के साथ ही फॉर्म 26एएस भी जरूरी होता है. अगर ये दोनों फॉर्म सेलरी क्लास वाले आयकरदाता के पास नहीं हैं तो वो रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएगा.
देनी होगी ये जानकारियां
नए मकान या फ्लैट खरीदने वालों को ये जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. इसके साथ ही शेयर बाजार में निवेश (लिवाली व बिकवाली) की जानकारी भी देनी होगी. अगर आपने ये जानकारियां नहीं दी तो फिर फॉर्म 26एएस जारी नहीं किया जाएगा. जानकारी छुपाने पर आयकर विभाग आप पर पेनाल्टी भी लगा सकता है.
फॉर्म 26AS को पूरी तरह नया रूप दिया गया है. अब इसमें TDS-TCS के ब्योरे के अलावा कुछ फाइनेंशियल लेन-देन, टैक्स पेमेंट, आयकरदाता द्वारा एक कारोबारी साल में डिमांड-रिफंड से संबंधित लंबित या पूरी हो चुकी प्रक्रिया की सूचना को शामिल किया गया है. इसका ब्योरा आयकर रिटर्न (ITR) में देना होगा. नया फॉर्म 1 जून से प्रभावी हो गया है.
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