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fintech Startup: भारत में स्टार्टअप का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. लोग नौकरी करने के बजाए अपना काम-धंधा करने पर फोकस बढ़ा रहे हैं. कारोबार को लेकर अनुकुल माहौल और सरकारी नीतियों की वजह से देश में स्टार्टअप को बल मिल रहा है. ताजा आंकड़ें इस बात को दर्शाते हैं कि भारत में फिनटेक इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है.
भारत में मौजूदा समय में देश में 26 फिनटेक यूनिकॉर्न हैं. इनकी संयुक्त मार्केट वैल्यू 90 अरब डॉलर से भी ज्यादा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. जेएम फाइनेंसियल की एक रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में भारत में फिनटेक स्टार्टअप की संख्या पांच गुना बढ़कर 10,200 (2024) हो गई है. वहीं, 2021 में यह आंकड़ा 2,100 था. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में एक डेकाकॉर्न फिनटेक (10 अरब डॉलर से अधिक की वैल्यूएशन) है. वहीं, 25 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से लेकर 10 अरब डॉलर के बीच है। 37 मिनिकॉर्न हैं, जिनकी वैल्यूएशन 100 मिलियन डॉलर से लेकर 1 अरब डॉलर है.
इसके अलावा देश में 87 सूनीकॉर्न फिनटेक स्टार्टअप हैं, जिनकी वैल्यूएशन 60 मिलियन से लेकर 100 मिलियन डॉलर के बीच है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की सभी फिनटेक कंपनियों की अनुमानित संयुक्त वैल्यू 125 अरब डॉलर के करीब है. वित्त वर्ष 23 में इन सभी कंपनियों की अनुमानित आय 20 अरब डॉलर के आसपास थी. यह देश में मौजूद सभी बैंक, फाइनेंसियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) कंपनियों की कुल आय का 5 प्रतिशत था. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की फिनटेक इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फंडिंग पेमेंट और लैंडिंग कंपनियों को मिल रही है.
फिनटेक इंडस्ट्री द्वारा जुटाई गई कुल फंडिंग का 85 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों द्वारा जुटाया गया है. 2014 से 2023 के बीच भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स ने 1,486 डील में कुल 28 अरब डॉलर जुटाए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि देश में खपत बढ़ने, वित्तीय सेवाओं के लोगों तक पहुंचने और एआई के कारण 2030 तक फिनटेक यूनिकॉर्न की संख्या 150 तक और इनकी आय 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है. भारत में फिनटेक स्टार्टअप में मर्चेंट पेमेंट्स, वॉलेट्स, कंज्यूमर पेमेंट्स, लोन, इंश्योरेंस और वेल्थ मैनेजमेंट को शामिल किया जाता है.