John Chambers India Economy: चैम्बर्स ने लिंक्डइन पोस्ट पर लिखा, 'ये ग्रोथ और अवसर डिजिटल और AI इंडिया जैसे कदमों के अलावा अमेरिका और अन्य अहम ग्लोबल प्लेयर्स के साथ सहयोगात्मक, रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए भारत की उत्सुकता और खुलेपन से आएगी. '
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Nirmala Sitharaman: यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम के चेयरमैन जॉन चैम्बर्स ने जो भविष्यवाणी की है, वह भारत के लिए गुड न्यूज से कम नहीं है. जॉन चैम्बर्स ने कहा कि भारत दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अपने कदम जारी रखेगा.
चैम्बर्स ने साल 2024 के कुछ अनुमानों के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर पोस्ट लिखा है. उनके मुताबिक साल 2024 स्पीड, स्केल ऑफ चेंज और एआई को अपनाने का साल होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत दुनिया में सबसे बड़े सामरिक साझेदार होंगे, ग्लोबल इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ तेजी से नौकरियां पैदा करने का काम करेंगे.
क्या बोले जॉन चैम्बर्स?
चैम्बर्स ने लिंक्डइन पोस्ट पर लिखा, 'ये ग्रोथ और अवसर डिजिटल और AI इंडिया जैसे कदमों के अलावा अमेरिका और अन्य अहम ग्लोबल प्लेयर्स के साथ सहयोगात्मक, रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए भारत की उत्सुकता और खुलेपन से आएगी. '
हाल के दिनों में चैम्बर्स लगातार भारत की तारीफ कर रहे हैं. पिछले साल ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में चैम्बर्स ने कहा था कि मैं भारत को मैन्युफैक्चरिंग का पावरहाउस बनते देखना चाहूंगा. मुझे नहीं लगता कि आपने अभी तक कुछ देखा है. लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे कब लगता है कि भारत ग्लोबल जीडीपी में पांचवें नंबर से तीसरे नंबर पर आ जाएगा. मैं कहता हूं कि यह गलत सवाल है: सवाल यह है कि भारत ग्लोबल जीडीपी में नंबर एक कब बनेगा. अगर वे अच्छा एग्जीक्यूट करते हैं तो ऐसा जरूर होगा. मैं भारत को मैन्युफैक्चरिंग का पावरहाउस बनते देखना चाहूंगा क्योंकि अब वहां एक समस्या है.
'मेनस्ट्रीम हो जाएगा AI'
चैम्बर्स ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई, अब तक का सबसे बुनियादी तकनीकी बदलाव होगा. उन्होंने कहा, एआई पूरी तरह से मेनस्ट्रीम में आ जाएगा. मैंने पहले कहा था कि यह 2022 में वापस आ रहा है, और हमने जाहिर तौर से 2023 में इसकी शुरुआत देखी है, लेकिन 2024 इसे और भी आगे ले जाएगा, जो डिजिटल युग से एआई युग में बदलाव को मजबूत करेगा.
चैम्बर्स ने आगे कहा, '2024 में हर कंपनी के लिए एआई बेस्ड नजीजों की मांग होगी, जो वैल्यूएशन से लेकर कमाई तक हर चीज पर असर डालेगी. जो स्टार्टअप AI का इस्तेमाल नहीं करते हैं वे जल्दी फेल हो जाएंगे, और बड़ी कंपनियां भी फेल हो जाएंगी, भले ही धीरे-धीरे.'