IRCTC ने दी यात्रियों को बड़ी सौगात, महामारी खत्म होने के बाद भी चलती रहेंगी ये ट्रेनें
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IRCTC ने दी यात्रियों को बड़ी सौगात, महामारी खत्म होने के बाद भी चलती रहेंगी ये ट्रेनें

कोविड-19 महामारी के दौरन रेलवे ने लोगों की सुविधा के लिए कोविड स्पेशल ट्रेनों और क्लोन ट्रेनों का संचालन शुरू किया था. इस दौरान रेलवे को यात्रियों की तरफ से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ने रेल यात्रियों के हित में एक बड़ा फैसला किया है. कोरोना काल में चलाई जा क्लोन ट्रेनों को आगे भी जारी रखा जाएगा. रेलवे ने कहा है कि इनको आम जनता से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव (VK Yadav) के अनुसार, क्लोन ट्रेन का प्रयोग अब तक सफल रहा है और इसके आधार पर यह तय किया गया है कि क्लोन ट्रेन कोविड के बाद के समय में भी चलती रहेंगी.' भारतीय रेलवे ने कहा है कि वर्तमान में क्लोन ट्रेनें लगभग 72% से 80% भर जाती हैं.

  1. पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में बड़ा नुकसान
  2. रेलवे 1089 ट्रेन चला रहा है
  3. क्लोन ट्रेनें लगभग 72% से 80% भर जाती हैं

सरकार ने जारी किया नेशनल रेल प्लान
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) के तहत साल 2030 तक नई बुलेट ट्रेन परियोजनाओं से लेकर स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना है. इसके अलावा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय तैयार करने का खाका खींचा गया है. रेलवे की माने तो मोदी सरकार का नेशनल रेल प्लान देश में रेलवे की तस्वीर बदल देगा.

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वेटिंग टिकट खत्म करने का प्लान तैयार
रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव के मुताबिक रेलवे ने वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) खत्म करने का प्लान भी तैयार किया है. हालांकि अभी कोरोना काल में रेलवे जो भी 1089 ट्रेन चला रहा है, उनमें से 30 से 40 फीसदी ट्रेनें अभी भी बहुत ही कम ऑक्युपेंसी पर चल रही हैं. रेलवे सभी रूट पर बारीकी से नजर रख रहा है, जहां पर भी पैसेंजर कि ज्यादा डिमांड रहती है वहां या तो हम क्लोन ट्रेन चला रहे हैं या इस रूट पर और गाड़ियां बढ़ा रहे हैं. कोरोना को देखते हुए धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य किया जा रहा है.

कोरोना काल में रेलवे को बड़ा नुकसान
रेलवे बोर्ड चेयरमैन के मुताबिक रेलवे को पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले साल 53 हजार करोड़ रुपए पैसेंजर ट्रेनों से कमाई हुई थी, जो इस बार अभी तक केवल 4500 करोड़ की कमाई हुई है. पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में 87 फीसदी की गिरावट आई है. वही माल भाड़े से 9000 करोड़ कम रेवेन्यू रेल को आया है. दरअसल, कोरोना के चलते रेलवे को इस साल भारी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि अधिकतर पैसेंजर गाड़ियां बंद रही और माल ढुलाई भी लॉकडाउन में बहुत ज्यादा प्रभावित है.

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