कहानी की शुरुआत 154 साल पहले होती है. 14 साल का एक लड़का, जिसकी जेब में सिर्फ 21000 रुपये थे, लेकिन जज्बा ऐसा कि एक-दो नहीं बल्कि अपने दम पर 29 कंपनियां खड़ी कर दी. आज अपनी चारों ओर इस कंपनी का कोई न कोई प्रोडक्ट मिल जाएगा.
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Tata Success Story: कहानी की शुरुआत 154 साल पहले होती है. 14 साल का एक लड़का, जिसकी जेब में सिर्फ 21000 रुपये थे, लेकिन जज्बा ऐसा कि एक-दो नहीं बल्कि अपने दम पर 29 कंपनियां खड़ी कर दी. आज अपनी चारों ओर इस कंपनी का कोई न कोई प्रोडक्ट मिल जाएगा. सड़क पर चले या फिर आसमान का सफर करें, घर में खाना बनाना हो या फिर टेक्नॉलिजी की बात हो. ये कहानी है सूई से लेकर हवाई जहाज तक बनाने वाली कंपनी टाटा संस की. जब भी भरोसे की बात होती है तो पहला नाम जो जहन में आता है वो है टाटा की, लेकिन आज बात टाटा को बनाने वाले जमशेदजी टाटा की.
टाटा के पीछे इस शख्स का दिमाग
3 मार्च 1839 को जन्मे जमशेदजी टाटा टाटा समूह के गॉडफादर कहलाते हैं. गुजरात के छोटे से गांव नवसारी से 14 साल की उम्र में मुंबई पहुंचे जमदेशजी टाटा को बिजनेस का गुर अपने पिता से मिला. उनका जन्म जिस परिवार में हुआ में हुआ था, वहां उनका पुश्तैनी पेशा पुजारी का था. उनके पिता नुसरवानजी टाटा ने परिवार का पुश्तैनी पेशा छोड़ बिजनेस में उतरने का फैसला किया. परंपरा को तोड़ते उन्होंने मुंबई का रूख किया. उनके साथ जमदेशजी टाटा भी मुंबई पहुंच गए और यहीं से उनके कारोबारी करियर की शुरुआत हुई.
14 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस
जमदेशजी टाटा के पास न तो बिजनेस का ज्ञान था, न ही तकनीकी शिक्षा. पिता ने उनका दाखिला एलफिंस्टन कॉलेज में करवाया, जहां से उन्होंने काम सीखा और 1869 में बॉम्बे में एलेक्जेंड्रा मिल की स्थापना की. यहीं से टाटा ग्रुप के बिजनेस साम्राज्य की नींव रखी गई. शुरुआत में कई बार उन्हें असफलताओं, चुनौतियों ने घेरा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने धीरे-धीरे विस्तार करना शुरू किया. उन्होंने केवल बिजनेस नहीं बल्कि कर्मचारियों के वेलफेयर पर पूरा फोकस रखा. यहीं उनकी सबसे बड़ी ताकत थी. मुश्किल के दौर में ये कर्मचारी उनके साथ खड़े रहे.
पाकिस्तान से बड़ा टाटा का कारोबार
जमशेदजी टाटा ने टाटा की 29 कंपनियां खड़ी कर दी. टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा स्टील, टाइटन, तनिष्क, वोल्टास, टाटा केमिकल्स, टाटा कम्युनिकेशन, ट्रेंट और टाटा एलेक्सी जैसी कंपनियां टाटा संस के खेमे में है. कंपनी का मार्केट कैप 30.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है. टाटा भारत की सबसे मज़बूत कंपनी बन गई. टाटा पाकिस्तान के जीडीपी से बड़ी हो चुकी है. जिसकी शुरुआत जमशेदजी टाटा ने की आज वो देश की दिग्गज कंपनियों में से एक है.