Juniper Hotels: 21 फरवरी को आ रहा होटल बनाने वाली कंपनी का IPO, प्राइस बैंड 342 रुपये
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Juniper Hotels: 21 फरवरी को आ रहा होटल बनाने वाली कंपनी का IPO, प्राइस बैंड 342 रुपये

Juniper Hotels IPO Details: जुनिपर होटल्स (Juniper Hotels) 'हयात' ब्रांड के तहत होटल चलाता है. कंपनी 1800 करोड़ रुपये का इश्यू जारी करेगी. कंपनी का आईपीओ 21 फरवरी को ओपन होने वाला है. 

Juniper Hotels: 21 फरवरी को आ रहा होटल बनाने वाली कंपनी का IPO, प्राइस बैंड 342 रुपये

Upcoming IPO News: जुनिपर होटल्स जल्द ही अपना आईपीओ (Juniper Hotels IPO) लेकर आने वाला है. जुनिपर होटल्स (Juniper Hotels) 'हयात' ब्रांड के तहत होटल चलाता है. कंपनी 1800 करोड़ रुपये का इश्यू जारी करेगी. कंपनी का आईपीओ 21 फरवरी को ओपन होने वाला है. अगर आप भी मार्केट में किसी आईपीओ में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो यह अच्छा मौका हो सकता है. 

आईपीओ के तहत कंपनी 1,800 करोड़ रुपये नए शेयर जारी करेगी. इसमें ओएफएस शामिल नहीं है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की ऑपरेटिंग कॉस्ट दोगुने से ज्यादा होकर 666.85 करोड़ रुपये रही थी.जो 2021-22 में 308.69 करोड़ रुपये थी. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध घाटा भी कम होकर 1.5 करोड़ रुपये रह गया, जो 2021-22 में 188.03 करोड़ रुपये था.

चेक कर लें IPO की डिटेल्स-

>> IPO ओपन होने की तारीख - 21 फरवरी 2024
>> IPO क्लोज होने की तारीख - 23 फरवरी 2024
>> लॉट साइज - 40
>> मिनिमम निवेश - 14,400 रुपये
>> इश्यू प्राइस - 342 से 360 रुपये
>> इश्यू साइज - 1800 करोड़
>> फेस वैल्यू - 10 रुपये

कहां-कहां फैला है कंपनी का कारोबार?

आपको बता दें जुनिपर होटल्स का कारोबार दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, रायपुर और हम्पी जैसे कई शहरों में स्थित है. ग्रैंड हयात मुंबई होटल एंड रेजिडेंसेज को भारत का सबसे बड़ा होटल है. इसका नाम लग्जरी होटल्स की लिस्ट में आता है. यह कंपनी लग्जरी होटल के डेवलपमेंट का काम करती है. 

कितना हिस्सा है रिजर्व?

यह आईपीओ 75 फीसदी योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए है. इसके अलावा 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों और 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आवंटित है. 

कब जमा किए थे डॉक्युमेंट्स?

कंपनी ने पिछले साल सितंबर महीने में सेबी के पास आईपीओ के लिए डॉक्युमेंट्स जमा कराए थे. यह आईपीओ पूरी तरह से शेयरों का एक फ्रेश इश्यू होगा. इसमें ऑफर फॉर सेल का हिस्सा नहीं होगा. इस आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी सब्सिडियरीज द्वारा लिए गए कर्ज के रीपेमेमेंट और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कर सकती है. 

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