EPF की राशि आपकी सैलरी से काटी जाती है. जिस संस्थान में 20 से ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें नियम के मुताबिक इस व्यवस्था को लागू करना होगा.
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नई दिल्ली: एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) के बारे में हर कोई जानता है. इसके तहत हर सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी अपने भविष्य को सुरक्षित करता है. लोगों के पास इससे जुड़े कई सवाल भी होंगे. ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए आपको प्रोविडेंट फंड के बारे में सबकुछ बताने जा रहे हैं. बता दें, EPF और PPF (Public Provident Fund) दो अलग-अलग रिटायरमेंट प्लान है. इसलिए, दोनों के फायदे भी अलग-अलग हैं. EPF को पीएफ (प्रोविडेंट फंड) भी कहा जाता है.
EPF की राशि आपकी सैलरी से काटी जाती है. जिस संस्थान में 20 से ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें नियम के मुताबिक इस व्यवस्था को लागू करना होगा. वहीं, PPF वैकल्पिक इंवेस्टमेंट प्लान है. इनकम टैक्स सेविंग के मकसद से इसमें इंवेस्ट किया जा सकता है. EPF से जुड़े सारे मामलों का निपटारा रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO करती है. वहीं, PPF किसी बैंक और पोस्ट ऑफिस द्वारा ऑफर किया जाता है.
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EPF और PPF के बारे में इन बातों को जानना बेहद जरूरी है
1. EPF इंवेस्टमेंट केवल नौकरीपेशा लोग कर सकते हैं. यह CTC (Cost to Company) का हिस्सा होता है. वहीं, PPF के तहत कोई भी शख्स इंवेस्ट कर सकता है. इसका फायदा IT रिटर्न में उठाया जा सकता है.
2. EPF के तहत आपकी बेसिक सैलरी से कम से कम 12 फीसदी डिडक्शन किया जाता है. इतना ही कंट्रीब्यूशन कंपनी की तरफ से किया जाता है. कंपनी जितना कंट्रीब्यूट करती है उसका 8.33 फीसदी आपके EPS (Employees' Pension Scheme) के लिए जमा होता है. EPS का संचालन भी EPFO द्वारा किया जाता है. बाकी (3.67 फीसदी) रकम आपके EPF अकाउंट में जमा होता है.
वहीं, PPF के लिए कम से कम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख सालाना जमा किया जा सकता है.
3. हाल ही में ब्याज दर बढ़ाने के बाद PF पर 8.65 फीसदी ब्याज दर मिलती है. वहीं, PPF पर 8 फीसदी ब्याज दर मिलती है. साथ ही यह सालाना कंपाउंड ब्याज दर के हिसाब से कैलकुलेट किया जाता है.
4. EPF अकाउंट को जॉब छोड़ते ही बंद किया जा सकता है. नई कंपनी ज्वाइन करने पर चाहें तो पुराने PF अकाउंट को जारी रख सकते हैं या फिर उसे बंद कर नया पीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं. आपके पास सारे विकल्प होते हैं. वहीं, PPF अकाउंट 15 साल के लिए होता है. सब्सक्राइबर चाहे तो इसे और 5 साल के लिए बढ़ा सकता है.
5. EPF में चाहें तो जमा राशि का कुछ हिस्सा निकाला जा सकता है. वहीं, अगर आपने PPF में पैसा जमा किया है तो सात साल बाद ही सालाना कुछ हिस्सा निकाल पाएंगे.