N Chandrasekaran Package: टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन पर रतन टाटा बहुत भरोसा करते थे. जब से रतन टाटा ने टाटा संस की जिम्मेदारी उनको सौंपी ग्रुप लगातार आगे बढ़ रहा है.
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Tata Sons Annual Report: रतन टाटा को दुनिया से विदा हुए दो दिन हो गए. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा ग्रुप को देश और दुनिया में अलग ही पहचान दिलाई. आज ग्रुप जिस मुकाम पर है उसमें रतन टाटा का बहुत बड़ा रोल है. उन्होंने कई लोगों की जिंदगी बना दी. उनके दुनिया से जाने के बाद नोएल टाटा ग्रुप की टाटा ट्रस्ट की कमान संभालेंगे. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन रतन टाटा को काफी भरोसा था. कभी खेतों में काम करने वाले आज टाटा संस के चेयरमैन हैं. चंद्रशेखरन का संघर्ष जिंदगी के शुरुआती दिनों में कम नहीं था. उन्होंने अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में खेतों में भी काम किया है.
रतन टाटा को भी उन पर पूरा भरोसा था
आज एन चंद्रशेखरन अपनी मेहनत के दम पर जिस मुकाम पर हैं, उनसे लोगों को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जब से उन्होंने टाटा ग्रुप की कमान संभाली है तब से उनके नेतृत्व में ग्रुप लगातार आगे बढ़ रहा है. रतन टाटा को भी उन पर पूरा भरोसा था. पिछले दिनों ही एन चंद्रशेखरन की सैलरी में 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया था. उनका पैकेज बढ़कर सालना 135.32 करोड़ रुपये हो गया है. इस पैकेज में 121.5 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है. इसके साथ ही 61 साल के एन चंद्रशेखरन देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले लोगों में शामिल हो गए थे. टाटा संस ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एन चंद्र शेखरन के नेतृत्व में नेट प्रॉफिट में 74 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया था.
एन चंद्रशेखरन का शुरुआती जीवन
एन चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर (Mohanur) में हुआ था. उनके माता-पिता पेशे से किसान थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में की. उन्होंने कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से एमसीए किया. 1987 में उन्होंने टीसीएस (TCS) में इंटर्न के तौर पर काम शुरू किया. 2007 में उन्हें कंपनी का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया गया. इसके दो साल बाद वह TCS के सीईओ बन गए. साल 2016 में उन्हें कंपनी के बोर्ड में शामिल किया गया. आज वह रतन टाटा के राइड हैंड हैं.
बराक ओबामा से बातचीत में बताया सच
एन चंद्रशेखरन उन चंद लोगों में से एक हैं जो जीरो से सफर शुरू करके इस मुकाम तक पहुंचे हैं. 'वर्किंग: व्हाट वी डू ऑल डे' नामक डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने अपने बारे में कुछ बातें बताईं. इसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात की थी. उनसे बातचीत के दौरान चंद्रशेखरन ने बताया था कि बचपन में गांव में रहते थे और खेती-बाड़ी करके परिवार के साथ गुजर-बसर करते थे. यहां से वह अपनी मेहनत के दम पर बड़े कारपोरेट ग्रुप के लीडर बन गए.
121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल
कमीशन और सैलरी के मामले में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का पैकेज वित्त वर्ष 24 में 20 प्रतिशत बढ़कर 135.32 करोड़ रुपये हो गया. इसमें 121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल हैं. चन्द्रशेखरन साल 2016 में बोर्ड में शामिल हुए थे. टाटा संस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभ अग्रवाल ने कुल 30.35 करोड़ रुपये का कम्पनसेशन लिया. इसमें से 24 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिये गए.
एयरलाइंस ने ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया
एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट जैसी एयरलाइंस ने ग्रुप की ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया है. इस सेक्टर में कुल घाटा पिछले वित्तीय वर्ष के 15,414 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर FY 2024 में 6,337 करोड़ रुपये रह गया है. एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन 2022 में हुआ था. इसके बाद एयरलाइन ने अपनी क्षमता में वृद्धि करते हुए अपना अब तक का रिकॉर्ड रेवेन्यू 51,365 करोड़ रुपये दर्ज किया. यह रेवेन्यू पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 24.5 प्रतिशत ज्यादा रहा.