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कश्‍मीर के अनंतनाग का कारोबारी कैसे बना पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा सियासी घराना, कहानी नवाज शरीफ के खानदान की

Nawaz Sharif Family History: पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ का परिवार फिर चर्चा में है. लाहौर में नवाज शरीफ के पोते जैद हुसैन की शादी का आलीशान जश्‍न चल रहा है. इस मौके पर जानिए शरीफ खानदान का रोचक इतिहास कि कैसे कश्‍मीर का यह कारोबारी घराना पाकिस्‍तान की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा बना.

कश्‍मीर के अनंतनाग में हैं शरीफ परिवार की जड़ें

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कश्‍मीर के अनंतनाग में हैं शरीफ परिवार की जड़ें

नवाज शरीफ का परिवार मूलत: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है. उनके पिता मुहम्मद शरीफ उद्योगपति थे. 1930 के दशक में मुहम्मद शरीफ ने उद्योग में कदम रखा था. उन्‍होंने स्‍टील स्‍क्रेप के काम से कारोबार शुरू किया था.

फिर जाती उमरा में बस गए नवाज शरीफ के पिता

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फिर जाती उमरा में बस गए नवाज शरीफ के पिता

उस वक्त मुस्लिम समाज परंपराओं में जकड़ा था और मुस्लिम परिवार व्‍यापार में ना के बराबर थे. जिसके चलते मुहम्‍मद शरीफ को पाकिस्‍तान वाले हिस्‍से में व्‍यापार फैलाना पड़ा. साथ ही वे अमृतसर के करीब जाती उमरा में आकर बस गए. जहां पर शरीफ परिवार की बड़ी हवेली आज भी है.

खड़ा कर दिया बड़ा बिजनेस एम्‍पायर

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खड़ा कर दिया बड़ा बिजनेस एम्‍पायर

बिजनेस में आने के महज डेढ़ दशक के अंदर ही शरीफ परिवार बड़ा उद्योगपति घराना बन गया. 1950 के दशक तक शरीफ परिवार ने इत्तेफाक ग्रुप ऑफ स्टील इंडस्ट्रीज खड़ा कर लिया था, जो उस वक्त कई लाख का कारोबार करता था. इसके साथ ही शरीफ परिवार ने ट्रांसपोर्ट, शुगर और एग्रीकल्चर बिजनेस में भी खूब तरक्‍की की.

बंटवारे के बाद आए पाकिस्‍तान

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बंटवारे के बाद आए पाकिस्‍तान

जब भारत-पाकिस्‍तान का बंटवारा हुआ तो पूरा शरीफ परिवार लाहौर में बस गया और फिर यहीं से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, 1973 से 1977 के दौरान जब जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे तो उन्होंने स्टील इंडस्ट्री समेत कई उद्योगों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. इससे शरीफ परिवार के करोड़ों रुपये के इस्पात बिजनेस पर सरकार का कब्जा हो गया. 

पिता ने नवाज शरीफ को जबरल ढंकेला राजनीति में

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पिता ने नवाज शरीफ को जबरल ढंकेला राजनीति में

अपनी सालों की मेहनत पर पानी फिरते देखकर मुहम्‍मद शरीफ नाराज हो गए और उन्‍होंने अपने बड़े बेटे नवाज शरीफ को जबरन राजनीति में भेजा. 1976 में नवाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इसी दौरान की उनकी अपने पिता के साथ की ये तस्‍वीर भी खूब वायरल हुई थी, जिसमें उनके पिता चुनावी जीत के बाद गले मिलकर बधाई दे रहे हैं.

5 साल में ही बन गए वित्‍त मंत्री, फिर पीएम

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5 साल में ही बन गए वित्‍त मंत्री, फिर पीएम

नवाज शरीफ का राजनीतिक करियर बहुत तेजी से आगे बढ़ा. आलम यह रहा कि जनरल जियाउल हक के शासन में 1981 में नवाज शरीफ पंजाब सरकार में वित्त मंत्री बन गए. इसके बाद वे देश के प्रधानमंत्री बने वो भी एक बार नहीं बल्कि तीन बार.

पूरा शरीफ परिवार आ राजनीति में

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पूरा शरीफ परिवार आ राजनीति में

इसके साथ ही एक-एक करके शरीफ परिवार के कई सदस्‍य राजनीति में आते गए. फिर चाहे वह नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज हो, भाई शहबाज शरीफ और उनकी अगली पीढि़यां.

अभी भाई पीएम, बेटी सीएम

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अभी भाई पीएम, बेटी सीएम

अभी नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ इस समय पाकिस्तान के पीएम हैं. वहीं नवाज शरीफ की बेटी मरियम पंजाब की सीएम है. वहीं अपने राजनीतिक करियर के दौरान नवाज शरीफ को कई साल निर्वासन भी झेलना पड़ा.

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