सुरंग ढहने के बाद 41 से ज्यादा श्रमिक फंस गए थे और उन्हें निकालने में 16 दिन से ज्यादा का समय लगा था. टनल बनाने वाली कंपनी ने 55 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड एसबीआई से खरीदे थे.
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Navayuga Engineering Electoral Bonds: इलेक्शन आयोग की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और शख्सियतों का नाम जारी होने के बाद हर कोई लिस्ट में आने वाले नामों को जानने का इच्छुक है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज का नाम है. इस कंपनी ने 1,368 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक पार्टियों को दिये. चुनाव आयोग की लिस्ट में 50 करोड़ से ज्यादा देने वालों की लिस्ट में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है. यह वहीं कंपनी है जिसने उत्तरकाशी में सिलिकारा टनल बनाई थी.
कंपनी ने 2022 में 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे
नवयुग इंजीनियरिंग की तरफ से उत्तरकाशी में बनाई जा रही सिलिकारा टनल पिदले दिनों 12 नवंबर 2023 को ढह गई थी. सुरंग ढहने के बाद 41 से ज्यादा श्रमिक फंस गए थे और उन्हें निकालने में 16 दिन से ज्यादा का समय लगा था. टनल बनाने वाली कंपनी ने 55 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड एसबीआई से खरीदे थे. इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर अपलोड डिटेल के अनुसार कंपनी ने 2019 में 45 करोड़ के चुनावी बॉन्ड और 2022 में 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
एक चुनावी बॉन्ड की कीमत 1 करोड़ रुपये
नवयुग इंजीनियरिंग की तरफ से 2019 और 2022 में खरीदे गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की कीमत 1 करोड़ रुपये थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2018 में कंपनी के दफ्तर पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) ने छापा मारा था. यह छापा कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा था. इसके बाद अक्टूबर 2018 में इनकम टैक्स विभाग ने भी कंपनी पर छापेमारी की थी. नवयुग कंपनी पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था. कंपनी की तरफ से सबसे ज्यादा 30 बॉन्ड 18 अप्रैल 2019 को खरीदे गए. इसके बाद 10 अक्टूबर 2019 को 15 बॉन्ड खरीदे और बाकी बॉन्ड 10 अक्टूबर 2022 को खरीदे.
हालांकि 2022 में कंपनी की तरफ से किसी तरह का चुनावी बॉन्ड खरीदने की कोई जानकारी नहीं मिली. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनाव आयोग (ECI) के साथ 1 अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 तक का इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा शेयर किया है.