New Wage Code: कर्मचारियों के लिए नया वेज कोड (New Wage Code) जल्द लागू किया जा सकता है. इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी से लेकर पेंशन तक सब पर असर पड़ना तय है. इसमें कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिसको जानना आपके लिए जरूरी है.
Trending Photos
नई दिल्ली: New Wage Code: कर्मचारियों के लिए नया वेज कोड (New Wage Code) जल्द लागू किया जा सकता है. इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी से लेकर पेंशन तक सब पर असर पड़ना तय है. इसमें कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिसको जानना आपके लिए जरूरी है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि नया वेज कोड नए वित्तीय से लागू हो सकता है. लेकिन अब तक आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है.
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
ये भी पढ़ें- सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी पेंशन! हफ्ते में 5 दिन ही करना होगा काम, सरकार ने किया ऐलान
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होते ही कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की '(Take Home Salary' घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. पीएफ के साथ साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी.
मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, तो उनकी टेक-होम सैलरी (Take Home Salary) घट जाएगी. लेकिन, उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा.
ये भी पढ़ें- यूजर्स के लिए काम की खबर! आधार अपडेट के लिए शुरू हुई नई सर्विस, UIDAI ने दी जानकारी
आपको बता दें कि कर्मचारियों का सीटीसी (CTC) कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. जैसे बेसिक सैलरी, मकान का किराया (HRA), PF, ग्रेच्युटी, LTC और मनोरंजन भत्ता वगैरह. नया वेतन कोड नियम लागू होने पर कंपनियों को यह तय करना होगा कि बेसिक सैलरी को छोड़कर (CTC) में शामिल किए जाने वाले दूसरे फैक्टर 50 परसेंट से ज्यादा न होने पाएं. ये कंपनियों का सिरदर्द बढ़ा सकता है.
टेक-होम सैलरी में कटौती का असर निम्न और मध्यम आय वालों के लिए बहुत कम होगी. लेकिन ऊंची आय वालों को बड़ा झटका लग सकता है. ऊंची कमाई वालों का पीएफ योगदान ज्यादा बढ़ जाएगा तो उनकी टेक होम सैलरी भी काफी हो जाएगी, क्योंकि जिन कर्मचारियों का वेतन ज्यादा होगा उनकी बेसिक सैलरी भी ज्यादा होगी इसलिए पीएफ योगदा भी ज्यादा कटेगा. ग्रेच्चुटी भी ऐसे कर्मचारियों की ज्यादा कटेगी. बेसिक सैलरी टैक्सेबल होती है, इसलिए सैलरी ज्यादा होने पर टैक्स भी ज्यादा कटेगा.