Share Market: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले सप्ताह ₹9,321.41 करोड़ की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने ₹4,572.14 करोड़ की इक्विटी खरीदी. उच्च अमेरिकी बॉन्ड पैदावार और मजबूत अमेरिकी डॉलर अगस्त से एफआईआई की बिक्री को गति दे रहे हैं.
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Nifty Update: निफ्टी एक बार फिर से अपने ऑल टाइम हाई की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि क्या इस बार निफ्टी 20,000 के स्तर को पार कर लेगा? दरअसल, निफ्टी एक बार फिर से 20 हजार के स्तर के करीब बढ़ रहा है. ऐसे में नए हफ्ते में बाजार की चाल कैस रह सकती है और क्या निफ्टी 20 हजार के आंकड़ों को पार कर पाएगा या नहीं, इसके लिए निवेशकों को कुछ बातें दिमाग में जरूर बैठा लेनी चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में...
इनका रखें ध्यान
नए सप्ताह में निवेशकों की नजर शेयर बाजार के कई कारकों पर होगी, जिनमें विदेशी फंड प्रवाह, व्यापक आर्थिक डेटा, कच्चे तेल की कीमतें, वैश्विक संकेत और बहुत कुछ शामिल हैं. अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.3 प्रतिशत से अधिक होने, डॉलर इंडेक्स 50 से ऊपर पहुंचने और ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर से अधिक पर कारोबार करने के बावजूद, भारतीय बाजार ने पिछले सप्ताह उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया.
निफ्टी में तेजी
सतर्क वैश्विक बाजार के बावजूद, फ्रंटलाइन सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को लगातार छठे सत्र में ऊंचे स्तर पर बंद हुए. बेंचमार्क ने लगातार दूसरे सप्ताह बढ़त दर्ज की और दो महीनों के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ सप्ताह दर्ज किया, प्रत्येक में लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इस बीच निफ्टी में भी धमाकेदार तेजी देखने को मिली है.
20 हजार की उम्मीद
शुक्रवार को निफ्टी 92.90 अंक या 0.47 प्रतिशत बढ़कर 19,819.95 पर बंद हुआ. पिछले छह सत्रों की बढ़त में निफ्टी 2.94 फीसदी चढ़ा है. वहीं निफ्टी का 52 वीक और ऑल टाइम हाई 19991.85 अंक है. विश्लेषकों का मानना है कि इस सप्ताह निफ्टी के 20,000 अंक तक पहुंचने की उम्मीद के साथ समग्र तेजी की भावना मजबूत है.
बुलिश पैटर्न
टेक्निकल दृष्टिकोण से निफ्टी हाल ही में बुलिश पैटर्न बनाते हुए दिखाई दे रही है, जो महत्वपूर्ण ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना का संकेत देता है. हालांकि, विश्लेषकों के अनुसार इसे 20,000 अंक पर एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक बाधा का सामना करना पड़ रहा है, जो वर्तमान में एक प्रमुख प्रतिरोध स्तर के रूप में कार्य करता है.
निर्यात
पिछले सप्ताह के आंकड़ों से पता चला है कि भारत का एसएंडपी वैश्विक सेवा क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जुलाई में 13 साल के उच्चतम 62.3 से गिरकर अगस्त में 60.1 पर आ गया, लेकिन ऊंचे मुद्रास्फीति दबाव के बावजूद अभी भी सबसे अच्छे बिक्री प्रदर्शन में से एक दर्ज किया गया है. हालांकि, मजबूत विदेशी मांग के कारण निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
इन पर रहेगी नजर
इस सप्ताह बाजार भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) या खुदरा मुद्रास्फीति, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति, विनिर्माण उत्पादन, विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापार घाटा डेटा सहित कुछ प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा.