सरकार ने पकड़ी Zomato और Swiggy की मनमानी, दो साल की जांच में खुलासा, अब आगे क्या ?
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सरकार ने पकड़ी Zomato और Swiggy की मनमानी, दो साल की जांच में खुलासा, अब आगे क्या ?

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी की बड़ी गलती सरकार ने पकड़ ली है. दो साल की जांच के बाद इन दोनों प्लेटफॉर्म की गलतियों को पकड़ा गया है.

 सरकार ने पकड़ी Zomato और Swiggy की मनमानी,   दो साल की जांच में खुलासा, अब आगे क्या ?

Zomato and Swiggy: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी की बड़ी गलती सरकार ने पकड़ ली है. दो साल की जांच के बाद इन दोनों प्लेटफॉर्म की गलतियों को पकड़ा गया है. कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी को कॉम्पिटिशन नॉर्म्स यानी प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है. दो साल की जांच में CCI ने पाया कि जोमैटो और स्विगी अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिसेज में शामिल हैं. दोनों ने बड़े रेस्टोरेंट को फायदा पहुंचाने के लिए गलत प्रैक्टिस जारी रखी.  

CCI ने यह भी कहा है कि दोनों प्लेटफॉर्म कुछ रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स को प्रेफरेंशियल यानी स्पेशल ट्रीटमेंट भी दे रहे थे.कॉम्पिटिशन कमीशन ने अप्रैल 2022 में दोनों कंपनियों के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया था .  सीसीआई की जांच में पाया गया है कि जोमैटो और स्विगी गलत बिजनेस प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहे हैं. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित रूप से तरजीही व्यवहार देना भी शामिल है. 

क्या है पूरा मामला

सीसीआई ने अप्रैल, 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी. नियमों के तहत, सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में, नियामक द्वारा उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. सभी के विचार और स्पष्टीकरण एकत्र करने के बाद नियामक अंतिम आदेश पारित करेगा. दोनों संस्थाओं की जांच का निर्णय भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर लिया गया था. सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि दोनों संस्थाएं प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, जिनमें कथित तौर पर कुछ रेस्तरां भागीदारों को तरजीह देना भी शामिल है. इस साल की शुरुआत में नियामक को रिपोर्ट सौंपी गई थी. स्विगी को ईमेल पर भेजे गए प्रश्न का उत्तर नहीं मिला, जबकि जोमैटो ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. 

एनआरएआई ने कहा कि उसने मार्च, 2024 में भेजी गई संशोधित जांच रिपोर्ट की समीक्षा की है. एनआरएआई के अध्यक्ष सागर दरयानी ने उम्मीद जताई कि सीसीआई 2022 में एनआरएआई द्वारा अपनी याचिका में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी जांच में तेजी लाएगा. पिछले महीने स्विगी ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दाखिल आरंभिक दस्तावेजों में सीसीआई मामले का उल्लेख किया था.  

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