Gold Price in India: टैक्स के मामले में लोगों को काफी अलर्ट रहने की जरूरत है. वहीं लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि पत्नी के बैंक खाते के माध्यम से स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करना भी पति के लिए टैक्स सेविंग रणनीति के रूप में काम नहीं करता है. इस पर भी टैक्स देना होता है.
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Gold Price: भारत में सोने की खरीद को काफी अहम माना जाता है. त्योहारों के मौके पर देश में सोने की खरीद भी बढ़ जाती है. वहीं अब देश में आने वाले दिनों में धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहार भी आ रहे हैं, ऐसे में इन त्योहारों पर भी सोने की खरीद में इजाफा देखने को मिल रहा है. इससे पहले आज हम आपको सोने को लेकर एक अहम अपडेट देने जा रहे हैं. वहीं कई लोग सोने को खरीदने के बाद उसकी ऊंचे दाम पर बेचकर मुनाफा भी कमाते हैं. वहीं किसी संपत्ति को खरीद के समय की कीमत से अधिक कीमत पर बेचने पर पूंजीगत लाभ टैक्स (Capital Gains Tax) लगता है. यह बात सोने की बिक्री पर भी लागू होती है. उदाहरण के लिए, यदि आप आज थोक में सोना खरीदते हैं और भविष्य में इसे ऊंची कीमत पर बेचते हैं, तो आप ऐसी बिक्री से प्राप्त पूंजीगत लाभ पर टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे.
केपिटल गेन टैक्स
बहुत से लोग सोने की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स बचाने के तरीकों के बारे में जानने में रुचि रखते हैं. वहीं लोगों को मन में सवाल आता है कि अगर कोई आदमी अपनी पत्नी को सोने के आभूषण खरीदने के लिए पैसे देता है और बिल पत्नी के नाम पर बनता है. ऐसे में भविष्य में सोने की बिक्री से होने वाली आय पर टैक्स कौन देगा? पति टैक्स देगा या पत्नी टैक्स देगी. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या देना होगा टैक्स?
किसी व्यक्ति के जरिए अपने पति या पत्नी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ट्रांसफर की गई संपत्ति पर उत्पन्न होने वाली इनकम को ऐसे व्यक्ति (यानी हस्तांतरणकर्ता) की आय के साथ जोड़ा जाएगा. बशर्ते कि ऐसा हस्तांतरण पर्याप्त प्रतिफल के विरुद्ध या तलाक के निपटान के हिस्से के रूप में नहीं किया गया हो या अलग रहने के समझौते के तहत न हो.
पूंजीगत लाभ
इसलिए, इस मामले में जहां एक आदमी सोने के आभूषण खरीदने के लिए अपनी पत्नी को पैसे देता है, उस पर क्लबिंग प्रावधान लागू होंगे और ऐसे आभूषणों के ट्रांसफर पर होने वाले किसी भी पूंजीगत लाभ को आदमी की आय के साथ जोड़ दिया जाएगा. सिर्फ सोना ही नहीं, अपनी पत्नी के नाम पर रियल एस्टेट संपत्ति खरीदने से किसी व्यक्ति को ऐसी संपत्ति की बिक्री के बाद उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स देनदारी या इसे किराए पर लेने से अर्जित आय पर टैक्स देनदारी से कोई राहत नहीं मिलती है.