Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. विदेशी कर्ज के जाल में फंसकर पाकिस्तान का बुरा हाल हो चुका है. मंहगाई की मार झेल रही पाकिस्तान की आवाम 250 रुपए किलो प्याज तो 400 रुपए दर्जन अंडे खरीदने को मजबूर है.
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Pakistan Economy Crisis:आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान की दिक्कतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. कर्ज चरम पर है, विदेशी मुद्रा भंडार गिरता जा रहा है, जीडीपी ग्रोथ का भविष्य धुंधला नजर आ रहा है. युवा आबादी के बावजूद पाकिस्तान की जीडीपी 42वें नंबर पर पहुंच गई है. वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक डेटाबेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की जीडीपी सिर्फ 376.493 अरब डॉलर रह गई है, जो दुनिया के कई छोटे देशों से भी कम है. वहीं महंगाई ने पाकिस्तानी आवाम की जेब फाड़ डाली है. पाकिस्तान में महंगाई 58 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है. लोगों के लिए दो वक्त की रोटी तक जुटा पाना मुश्किल हो चुका है.
महंगाई से आवाम बेहाल
पाकिस्तान की आवाम पर महंगाई के बोझ से दबी जा रही है. हालात ये है कि पाकिस्तान की जनता की थाली से धीरे-धीरे कर खाने की चीजें गायब होती जा रही है. पाकिस्तान में एक दर्जन अंडे की कीमत 400 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है. सिर्फ अंडे ही नहीं प्याज पाकिस्तानियों की आंसू निकाल रहा है. एक किलो प्याज की कीमत 250 रुपये किलो तक पहुंच गई है. पाकिस्तानी न्यूज एजेंसी ARY के मुताबिक चुनाव से पहले पाकिस्तान में महंगाई ने कोहराम मचा रखा है. पाकिस्तान में चिकन की कीमत 615 रुपये किलो तक पहुंच गई है. रोजमर्रा की चीजें आम जनता की पकड़ से दूर होती जा रही है. दूध 213 रुपये प्रति लीटर, टमाटर 300 रुपये किलो, सेव 273 रुपये प्रति किलो तो वहीं एक किलो चावल के लिए लोगों को 328 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
कर्ज के बोझ से दबा पाकिस्तान
पाकिस्तान की आवाम पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान की सरकार गर्दन तक कर्ज में डूबी हुई है. पाकिस्तानी मीडिया न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में नवंबर के अंत तक पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 63,399 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपया पर पहुंच गया. पीडीएम सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान का कुल कर्ज 12.430 ट्रिलियन पीकेआर बढ़ा.
विदेशी कर्ज ने तोड़ी कमर
पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली इतनी बढ़ चुकी है कि उसकी अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के आसार नहीं दिख रहे. पाकिस्तान पर कुल ऋण बोझ बढ़कर 63.390 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए है, जिसमें घरेलू कर्ज 40.956 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए और अंतर्राष्ट्रीय कर्ज 22.43 ट्रिलियन पीकेआर है. पाकिस्तान के स्थानीय अखबार 'द डॉन' के मुताबिक पाकिस्तान का फिस्कल सेक्टर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज बढ़ रहा है. हालत ये है कि पाकिस्तान को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
कर्ज में डूबी सरकारी कंपनियां
पाकिस्तान की सरकारी कंपनियां कर्ज में डूबी है.स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के एक हालिया आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान की सरकारी कंपनियों पर कर्ज और देनदारी साल-दर-साल आधार पर सितंबर 2023 में 24.1% बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. युवा आबादी के बावजूद पाकिस्तान में बेरोजगारी चरम पर है.