भारत में त्योहारों का मौसम या गया है. दीवाली और Dhanteras पर सोने-चांदी की सबसे ज्यादा बिक्री होती है. खासकर धनतेरस पर लोग सोने और चांदी की चीजों पर निवेश करते हैं. त्योहारों के समय ज्वेलरी की दुकानों पर काफी भीड़ होती है. इस समय कई जगह सोने पर ऑफर और सेल भी हैं. ऐसे में लोग इन ऑफर्स पर बहुत आकर्षित होते हैं. लेकिन, इस माहौल में खरीदारी करते समय सचेत रहने की जरूरत ज्यादा होती है. कई बार आप गलती से नकली सोने में निवेश कर जाते हैं. ऐसे में आपको इस घाटे से बचाने के लिए आज हम कुछ आसान तरीके बता रहे हैं जिससे आप घर बैठे या शॉप पर ही असली-नकली सोने की पहचान आसानी से कर सकेंगे.
सोने की पहचान के लिए सबसे पहले हॉलमार्क आता है. अगर आप सोना खरीद रहे हैं, तो उसपर हॉलमार्क जरूर देखना चाहिए. दरअसल, सोने की शुद्धता और प्रमाण करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग कहते हैं. अगर आप हॉलमार्क 18 कैरेट सोने की ज्वेलरी खरीद रहे हैं, तो इसका मतलब है कि 18 भाग सोने के हैं और बाकी मिश्र धातु है. यानी पारदर्शिता पूरी रहती है.
सोने की पहचान के लिए चुंबक भी कारगर होता है. जब भी आप बाजार में सोना खरीदें उसे चुंबक के पास लाएं. चुंबक से सोना आकर्षित नहीं होता है जबकि अन्य धातु होते हैं. अगर आपका सोना चुंबक में चिपक रहा है तो वह सोना नकली है. और अगर चुंबक का उसपर कोई असर नहीं होता तो आपका सोना बिल्कुल असली है. इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि सोने पर कभी भी जंक नहीं लगता. अगर ऐसा हो रहा है तो सोना नकली है.
सोने की खरीदारी करते समय उसका रंग भी उसकी पहचान कराता है. अगर आपका सोना 18 कैरेट का है तो उसका रंग थोड़ा स्ट्रॉग पीला और 22 कैरेट के सोना का रंग ब्राइट येलो होता है. ऐसे में रंग से भी इसकी पहचान की जा सकती है. अगर यहां समझने में परेशानी आती है तो हॉलमार्क का भी विकल्प है.
सोना बहुत मुलायम धातु है इसमें बिना कोई और धातु मिलाए कोई ज्वेलरी नहीं बन सकती. इसलिए सोने को दबाकर भी सोने के असली नकली होने का पता लगा सकते हैं. दरअसल कुछ देर तक सोने को हल्का सा दबाएं, अगर इसमें निशान पड़ गया तो समझ जाना सोना बिल्कुल असली है. ऐसा सिर्फ तब ही करें जब आपको सोने के नकली होने का शक हो.
सोने की असलियत की पहचान एसिड टेस्ट से भी की जा सकती है. इसके लिएआप सोने के गहने को स्क्रैच करें और उस पर नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें डालें. अगर उसका रंग बदलकर हरा हो जाता है तो सोना नकली है. पर इस टेस्ट में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि एसिड से नुकसान भी हो सकता है. ध्यान रखें कि सोना कभी रंग नहीं बदलता.
गोल्ड क्वॉइन (Gold Coin) खरीदते समय ध्यान रखें कि सोने के सिक्के टेंपर प्रूफ पैकेजिंग में आते हैं. टेंपर प्रूफ पैकेजिंग इसलिए की जाती है ताकि कॉइन की शुद्धता (Purity) बरकरार रहे. इसलिए गोल्ड कॉइन खरीदते वक्त ध्यान रहे कि सिक्का टेंपर प्रूफ पैकेजिंग वाला ही हो. अगर आप आगे चलकर सोने के सिक्के को बेचना चाहते हैं तो आपको भी इसकी यही टेंपर प्रूफ पैकेजिंग बरकरार रखनी होगी.
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