कई लोग अपने दिन की शुरुआत अंडे के साथ करते हैं. यह प्रोटीन का तो एक सस्ता सोर्स है ही, वहीं शरीर को कड़ाके की सर्दी में गरमी का अहसास भी देता है. हालांकि इस समय अंडे की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल रहा है.
फिलहाल अंडे की कीमतों में 6 दिसंबर से लेकर के अभी तक 130 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है. फिलहाल प्रति सैकड़ा थोक कीमत 550 रुपये तक पहुंच गई है. इसके पहले आज से चार साल पहले अंडे की कीमत 543 रुपये पहुंच गई थी.
हालांकि देश के सबसे बड़े अंडा मार्केट बरवाला में कीमतें जहां इतनी पहुंच गई हैं वहीं कोल्ड स्टोरेज में काफी तादाद में अंडा मौजूद है. मुर्गियों में आरडी नाम की बीमारी आई है, तो किसी का कहना है कि महंगा अंडा बेचने के लिए यह मार्केट की स्ट्रेटजी है.
मुर्गियों को आरडी नाम की बीमारी हो गई है और अंडे का उत्पादन कम हो गया है. आरडी के तहत मुर्गियों के पेट में तकलीफ हो जाती है, जिसके चलते मुर्गियों को लगातार दवाई दी जाती है. मुर्गियों को मोल्डिंग पर रख दिया जाता है. इसके तहत मुर्गियों को दाना नहीं खिलाया जाता है. सिर्फ दवाई दी जाती है. खुराक के हिसाब से दाना नहीं मिलने पर मुर्गी अंडा भी नहीं देती है.
फिलहाल अंडे की डिमांड के हिसाब से सप्लाई में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. हालांकि, दबी आवाज में कुछ लोग इसे व्यापारियों का खेल भी बता रहे हैं. बहरहाल जो भी हो आपको अंडा महंगा मिलेगा.
पोल्ट्री से अंडा बड़े होलसेलर के यहां पहुंचता है. ट्रांसपोर्ट और लेबर का खर्च जोड़कर वो 100 अंडे पर 15 से 20 रुपये मुनाफा लेता है.बड़े होलसेलर के यहां से छोटे-छोटे होलसेलर ले जाते हैं. लेकिन इनका मुनाफा ज़्यादा नहीं होता है. यह लोग 30 अंडों की एक क्रेट पर 3 से 5 रुपये तक कमाते हैं. बाकी फिर रिटेलर बाज़ार की डिमांड और स्टॉक को देखते हुए एक से सवा रुपये तक मुनाफा कमाते हैं.
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