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PF खाताधारकों को Free में मिल सकते हैं 7 लाख रुपये, जानें कब और कैसे करें क्लेम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को 7 लाख रुपये तक का जीवन बीमा (Life Insurance) दे रहा है. यानी जिन लोगों का पीएफ (PF) कटता है, वे सभी इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) 1976 के तहत मिलने वाले इस इंश्योरेंस का लाभ उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे...

अब 7 लाख रुपये का मिलता है कवर

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अब 7 लाख रुपये का मिलता है कवर

पहले इंश्योरेंस की राशि 6 लाख रुपये थी, जिसे श्रम मंत्री संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) की अध्यक्षता वाले EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने 9 सितंबर 2020 को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया था.

कोरोना से मौत होने पर भी मिलेंगे 7 लाख

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कोरोना से मौत होने पर भी मिलेंगे 7 लाख

इस योजना के तहत क्लेम मेंबर एम्प्लॉई के नॉमिनी की ओर से एम्प्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जाता है. यानी अगर किसी कर्मचारी की कोविड-19 की वजह से भी मौत होती है तो परिजनों को EDLI के तहत 7 लाख रुपये मिल सकते हैं. यह कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी दिया जाता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो. EPFO ने इंश्योरेंस का दावा करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है.

एम्प्लॉई की मृत्यु के बाद कौन करेगा क्लेम?

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एम्प्लॉई की मृत्यु के बाद कौन करेगा क्लेम?

इस राशि का क्लेम नॉमिनी की ओर से पीएफ खाताधारक की मृत्यु होने पर किया जाता है. अगर किसी का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह क्लेम दिया जाता है. यानी अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ होता है, तो मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, उसकी कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा इसके लाभार्थी होते हैं. 

फ्री में मिलता है इंश्योरेंस कवर

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फ्री में मिलता है इंश्योरेंस कवर

योजना के तहत एकमुश्त भुगतान होता है. इसके लिए कर्मचारी को कोई भी रकम नहीं देनी पड़ती है. यानी यह इंश्योरेंस कवर सब्सक्राइबर को फ्री मिलता है. पीएफ खाते के साथ ही यह लिंक हो जाता है. कोविड-19 से होने वाली मृत्यु के मामले में भी इसे लिया जा सकता है.

क्लेम करने के लिए ये डॉक्यूमेंट है जरूरी

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क्लेम करने के लिए ये डॉक्यूमेंट है जरूरी

कर्मचारी की मौत के नॉमिनी को क्लेम के लिए फॉर्म-5 IF जमा करना होगा, जिसे नियोक्ता (एंप्लॉयर) सत्यापित करता है. अगर नियोक्ता उपलब्ध नहीं है तो फिर गजटेड अधिकारी, मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड द्वारा वैरीफाई किया जाएगा.

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