गाड़ी चलाते हैं तो PUC सर्टिफिकेट को अब हल्के में मत लीजिएगा, नहीं तो आपको जेल भी हो सकती है. सरकार मोटर व्हीकल एक्ट (Central Motor Vehicle Act) में कुछ नए प्रावधान जोड़ने जा रही है, इसके बाद अगर PUC सर्टिफिकेट को और सख्ती के साथ पालन करवाया जाएगा. ये सिर्फ फॉर्मेिलिटी की चीज नहीं रह जाएगी.
अंग्रेजी वेबसाइट Time of India में छपी खबर के मुताबिक PUC के लिए QR कोड सिस्टम लागू किया जाएगा, इसमें गाड़ी की सभी जरूरी जानकारियां जैसे, गाड़ी के मालिक नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, एमिशन स्टेटस वगैरह होंगी.
खबर के मुताबिक सड़क परिहवन मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (Central Motor Vehicle Rules) में बदलाव के लिए प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव में बताया गया है कि PUC की प्रक्रिया पूरी होने से पहले एक ऑटोमैटिक SMS या सिस्टम जेनरेटेड SMS गाड़ी के मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा. जिससे ये पता चल सकेगा कि उसकी गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट के लिए प्रक्रिया शुरू हुई है.
इस प्रावधान से गाड़ियों की चोरी पर लगाम लगेगी, क्योंकि जैसे ही कोई दूसरा व्यक्ति चोरी की गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट लेने के लिए टेस्टिंग सेंटर जाएगा, SMS गाड़ी के असली मालिक के पास चला जाएगा, जिससे ये पता चल सकेगा की किस टेस्टिंग सेंटर पर गाड़ी की PUC सर्टिफिकेश की प्रक्रिया शुरू हुई है.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है, और लोगों से सुझाव और आपत्तियां मंगवाई हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि PUC सर्टिफिकेट का यूनिफॉर्म फॉर्मेट को PUC डाटाबेस के नेशनल रजिस्टर से लिंक करने का प्रस्ताव दिया गया है.
सड़क परिहवन मंत्रालय ने पहली बार PUC सर्टिफिकेट रिजेक्ट करने का भी प्रस्ताव दिया है. रिजेक्शन स्लिप में इसका कारण भी दिया जाएगा. ये बताया जाएगा कि गाड़ी का इंजन एमिशन लेवल (Emission Level) तय मानक से ज्यादा है इसलिए PUC सर्टिफिकेट रिजेक्ट किया गया है.
मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक अगर इंफोर्समेंट ऑफिसर को लगता है कि एमिशन लेवल तय मानकों के मुताबिक नहीं है तो वो लिखित में इसकी जानकारी गाड़ी के मालिक को देगा. गाड़ी के मालिक से कहा जाएगा कि वो किसी भी ऑथराइज्ड PUC सेंटर पर जाकर गाड़ी की टेस्टिंग कराए.
अगर ड्राइवर या गाड़ी का मालिक गाड़ी को कंप्लायंस के लिए जमा करने में नाकाम रहता है तो उसे मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पेनल्टी चुकानी होगी. गाड़ी के मालिक को 3 महीने की जेल या फिर 10 हजार रुपये तक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. उसका लाइसेंस भी 3 महीने के लिए सस्पेंड हो सकता है.
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