देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को देशवासियों से "मन की बात" के जरिए कई बड़ी खुशखबरी दी. देश में इस वक्त किसान आंदोलन जोरों पर हैं, इस मुद्दे पर भी उन्होंने चर्चा की. आपको पीएम मोदी के मन की बात की अहम बातें बताते हैं..
काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं.
बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं. बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांग पूरी हुई हैं.
कोरोना से पहले के दिनों में जब मैं रूबरू किसी Institution की Event में जाता था, तो यह आग्रह भी करता था कि आस-पास के स्कूलों से गरीब बच्चों को भी उसी समारोह में आमंत्रित किया जाए. वो बच्चे उस समारोह में मेरे Special Guest बनकर आते रहे हैं.
पिछले दिनों, मुझे, देश-भर की कई Universities के Students के साथ संवाद का, उनकी Education Journey के महत्वपूर्ण Events में शामिल होने का, अवसर प्राप्त हुआ है. देश के युवाओं के बीच होना बेहद तरो-ताजा करने वाला और उर्जा से भरने वाला होता है.
कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे. पूरी दिनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. Vancouver से Wellington तक, Singapore से South Africa तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं.
भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं. कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए.
भारत में बहुत सी Bird Watching Society सक्रिय हैं. आप भी जरूर इस विषय के साथ जुड़िए. मेरी भागदौड़ की जिन्दगी में, मुझे भी पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला.
इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है. डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में Bird Watching को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है. दुनिया में Bird Watching को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है.
आज देश में कई Museums और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे है. दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं.
माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की वापसी के साथ एक संयोग यह भी जुड़ा है कि कुछ दिन पूर्व ही World Heritage Week मनाया गया है. World Heritage Week संस्कृति प्रेमियों के लिए, पुराने समय में वापस जाने, उनके इतिहास के अहम पड़ावों को पता लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है.
माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है. अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है. माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं.
आज मैं आप सबके साथ एक खुशखबरी साझा करना चाहता हूं. हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है.