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Beer Prices Scam: महंगी बीयर पिलाकर कंपनियों ने भारतीयों को लूटा, जांच रिपोर्ट पढ़कर उतर जाएगा नशा

बीयर कंपनियों ने भारत में महंगी Beer बेचकर जमकर मुनाफा कमाया है, रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि बीयर कंपनियां कीमतें (Beer prices) तय करने के लिए कैसे सांठ-गांठ करती थीं. 

बीयर कंपनियों के बीच सांठ-गांठ

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बीयर कंपनियों के बीच सांठ-गांठ

न्यूज एजेंसी Reuters में छपी एक रिपोर्टे के मुताबिक बीयर बनाने वाली तीन सबसे बड़ी कंपनियों Carlsberg, SABMiller और भारत की United Breweries (UB) के अधिकारियों के बीच बीयर की कीमतों को लेकर जबर्दस्त सांठगांठ होती है. इन तीनों कंपनियों के अधिकारी आपस में बेहद संवेदनशील कारोबारी जानकारियां साझा करते हैं. Reuters की ओर से देखे गए एक सरकारी एंटीट्रस्ट जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि, सांठ-गांठ के जरिए कीमतें तय करने का खेल बीते 11 साल से चल रहा है. 

CCI ने मारा बीयर कंपनियों पर छापा

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CCI ने मारा बीयर कंपनियों पर छापा

Competition Commission of India (CCI) ने साल 2018 में 2018 इन तीनों कंपनियों के आलीशान ऑफिसों में छापा मारा था और जांच शुरू की थी. जिसमें इन कंपनियों के काम करने के तरीके पर संदेह पैदा हुआ. इन तीनों कंपनियों का भारत के बीयर बाजार में 88 परसेंट हिस्सा है. 

जांच सही पाई गई तो लगेगा मोटा जुर्माना

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जांच सही पाई गई तो लगेगा मोटा जुर्माना

एक सीनियर CCI सदस्य इस रिपोर्ट की जांच करेगा, अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी मिलती है तो 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा तक का फाइन लगाया जा सकता है. रिपोर्ट में एग्जीक्यूटिव के बीच हुई बातचीत, WhatsApp चैट और ई-मेल से ये पता चलता है कि कंपनियां रेगुलर तरीके से और रोजाना ही कई राज्यों में कीमतें बढ़ाने को लेकर संयुक्त रूप से रणनीति बनाती थीं. 

Whatsapp, ई-मेल से हुआ खुलासा

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Whatsapp, ई-मेल से हुआ खुलासा

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में WhatsApp पर कुछ चैट हुई थी, जिसमें UB के चीफ सेल्स ऑफिसर किरन कुमार और उस समय के SABMiller के मैनेजिंग डायरेक्टर शलभ सेठ ने आपस में बात की थी. जिसमें दोनों के बीच किसी राज्य में बीयर की कीमतें 60 रुपये तक बढ़ाने की योजना का जिक्र है. रिपोर्ट के मुताबिक सेठ ने एक मैसेज लिखा कि “Pls arrange msg to other friends”. CCI का कहना है कि इससे पता चलता है कि बाकी कंपटीटर कंपनियां भी इसमें शामिल रही हैं.

सांठ-गांठ से बनाते थे योजना

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सांठ-गांठ से बनाते थे योजना

CCI को Carlsberg ने बताया कि 2015 में ओडिशा में प्राइस पॉलिसी बदलने के बाद सभी कंपनियों ने बीयर की सप्लाई को कम कर दिया था. 2018 में Carlsberg के वाइस प्रेसिडेंट नीलेश पटेल ने एक ई-मेल लिखा था. जिसमें महाराष्ट्र को लेकर भी यही रणनीति अपनाने की बात कही गई थी. 

बीयर कीमतों के लिए लॉबिंग

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बीयर कीमतों के लिए लॉबिंग

CCI ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कंपनियों ने All India Brewers Association (AIBA) को कॉमन प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल किया, जिससे वो एक साथ कीमतें तय कर सकें.  इसके बाद लोकल ग्रुप कंपनियों की तरफ से कीमतें बढ़ाने के लिए लॉबिंग करते हैं. 

'हमें पकड़े जाने से बचना चाहिए'

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'हमें पकड़े जाने से बचना चाहिए'

रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि कम से कम तीन बार एग्जीक्यूटिव्स ने एक दूसरे से अपनी योजनाओं को शांत रखने या छिपाकर रखने के लिए कहा. AIBA के डायरेक्टर जनरल ने 2016 में तीन कंपनियों के अधिकारियों को मेल में लिखा कि 'We should avoid getting caught' यानि हमें पकड़े जाने से बचना चाहिए. 

 

कंपनियों का कमेंट से इनकार

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कंपनियों का कमेंट से इनकार

इस खबर पर CCI ने Reuters के सवालों का जवाब नहीं दिया है. लॉबी ग्रुप AIBA और Carlsberg ने कमेंट करने से इनकार कर दिया है. United Breweries ने कहा है कि वो जांच में अथॉरिटीज का सहयोग कर रहे हैं, CCI के सामने में भी जाएंगे. Heineken ने कोई कमेंट नहीं दिया है. 

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