How to repay credit card debt: क्रेडिट कार्ड आज के समय में एक ऐसा साधन है, जिसके जरिए बिना बैंक बैलेंस भी आप शॉपिंग और जरूरी पेमेंट्स कर सकते हैं. एक तरह से यह बैंकों की ओर से कस्टमर्स को दी जाने वाली क्रेडिट सुविधा है. जिसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो यह काफी फायदेमंद साबित होता है. लेकिन, अगर सावधानी और सूझबूझ नहीं रखी जाए, तो यह आपको भारी कर्ज के जाल में फंसा सकता है. अक्सर यह देखने में आता है कि कई लोग क्रेडिट कार्ड के कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस जाते हैं. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड के कर्ज में फंस गए हैं तो हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं. जिन्हें फॉलो करके आप इससे निकल सकते हैं.
फाइनेंस कंपनी बजाज फिनसर्व की वेबसाइट के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड के कर्ज से बाहर निकलने का एक अहम रास्ता है कि आपको एक्टिव अप्रोच अपनाना होगा. पहला कदम यह है कि आप क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनी से बात करें कि आपको रिपेमेंट की शर्तों में क्या और कितनी छूट मिल सकती है. अगर बकाया बिल काफी ज्यादा है तो अधिकांश बैंक इसका रास्ता बना लेते हैं. बैंक/कंपनी अमूमन कस्टमर को छोटे-छोटे किस्तों में पेमेंट का ऑप्शन दे देती हैं.
क्रेडिट कार्ड के अगर एक से ज्यादा पेमेंट बकाया हैं तो सबसे बेहतर होता है कि डेट कंसॉलिडेशन कराएं. यानी, सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को एक अकाउंट में करा सकते हैं. इससे यह होगा कि आपको अलग-अलग पेमेंट की बजाय एक पेमेंट करना होगा.
आप अपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं. यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकता है जिनके क्रेडिट कार्ड बकाया अधिक है. आमतौर पर, क्रेडिट कार्ड प्रदाता लगभग 40 फीसद प्रति वर्ष की ब्याज दर लेते हैं, जबकि आप लगभग 11 फीसद की ब्याज दर से पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं.
दरअसल कई बार ऐसा होता है कि मौजूदा क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके Bill या EMI पर इंटरेस्ट ज्यादा लगाना शुरू कर देती है. ऐसे में आपकी परेशानी और बढ़ जाती है, जिसका एक ही उपाय है कि आपको वो कंपनी छोड़ दूसरी पकड़ लेनी चाहिए. आप उस बैंक या क्रेडिट कंपनी में क्रेडिट कार्ड ड्यूज (Credit Card Debt) ट्रांसफर करा सकते हैं, जिसका इंट्रस्ट रेट कम हो. उस बैंक या कंपनी में आउटस्टैंडिंग अमाउंट (Outstanding Balance) को ट्रांसफर करा सकते हैं जहां आपको ज्यादा फायदा मिल रहा हो. लेकिन ध्याल रहें, बैलेंस ट्रांसफर से पहले उस नई कंपनी या बैंक का चार्ज, फीस आदि पता कर लें.
क्रेडिट कार्ड का कर्ज आप पर भारी पड़ रहा है, तो ऐसे समय में आपको अपने खर्चे घटाने के बारे में सोचना चाहिए. आपको जैसे ही सैलरी मिले, तो सबसे पहले आप क्रेडिट कार्ड बकाया चुकाने की कोशिश करें. उसके बाद बैलेंस से महीने का बजट बनाएं. खर्चे से पहले बकाया चुकाने की स्ट्रैटजी काफी कारगर है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होगा.
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