आमतौर पर 31 जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख होती है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सरकार ने इसे 3 बार बढ़ाया. इंडिविजुअल्स टैक्सपेयर्स के लिए ITR भरने की अंतिम तारीख 10 जनवरी, 2021 थी. हालांकि इसे फिर से बढ़ाने की भी मांग उठी लेकिन सरकार ने ITR भरने की तारीख को और आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया. बार-बार तारीख बढ़ने के बावजूद कई टैक्सपेयर्स होंगे जो अपना ITR किसी वजह से नहीं भर पाए होंगे तो उनके पास मौका है.
तय तारीख के बाद जो भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया जाता है, उसे बिलेटेड रिटर्न(belated return) कहते हैं. आपके अब भी belated return भरने का वक्त है, लेकिन इसके लिए आपको 10,000 रुपये पेनल्टी चुकानी होगी, तभी आप belated return भर सकते हैं, क्योंकि अंतिम तारीख 31 दिसंबर गुजर चुकी है.
आपको बता दें कि हर साल किसी असेसमेंट ईयर (AY) की 31 जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख होती है. अगर आप इसके बाद रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको 5,000 रुपये की पेनल्टी देनी होती है. लेकिन ये भी आपको 31 दिसंबर तक भरना होता है. इसके बाद अगर आप 31 दिसंबर से लेकर 31 मार्च तक रिटर्न दाखिल करते हैं तो पेनल्टी 10,000 रुपये हो जाती है.
छोटे टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये तक है, और ये इनकम टैक्स रिटर्न 31 मार्च तक भरते हैं तो उन पर पेनल्टी 1,000 रुपये लगेगी. आपका ITR तभी जमा होगा जब आप पेनल्टी और बकाया टैक्स जमा करेंगे. कोई भी टैक्स बकाया है या आपको याद नही है, तो आप बिलेटेड रिटर्न पर पेनल्टी देने से बच नहीं सकते.
एक बात और याद रखें कि पेनल्टी चुकाने से पहले जबतक आप अपना ITR भर नहीं देते तबतक बकाए टैक्स पर हर महीने आपको ब्याज भी चुकाना होता है, आप इस तरह के नुकसान को सेट ऑफ करने या एडजस्ट करने के लिए आगे के सालों में कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते. अगर आप तय वक्त में ITR दाखिल करते हैं, और इस पर कोई रीफंड बकाया है तो उस पर भी आपको ब्याज मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 244A के तहत अगर आपने अपनी कमाई पर ज्यादा टैक्स चुकाया है तो आपको रीफंड मिलता है.
बिलेटेड रिटर्न के मामले में आप रीफंड पर मिलने वाले कुछ ब्याज से चूक सकते हैं. क्योंकि ब्याज ITR दाखिल करने की तारीख से जोड़ा जाता है. 1 अप्रैल से रीफंड पर ब्याज मिलता है, अगर आपने तय वक्त पर अपना ITR दाखिल किया है. अगर आप ITR नहीं भरते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है. आपको 3 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल भी हो सकती है. अगर बकाया टैक्स 25 लाख रुपये से ज्यादा है तो 7 साल की जेल का भी प्रावधान है.
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