Ola, Uber से सफर करने वालों के लिए काफी समय बाद ही सही लेकिन सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब ये टैक्स सर्विसेज (Taxi Services) देने वाली कंपनियां न तो मनमाना किराया बढ़ा सकती हैं और न ही इनके ड्राइवर्स आपकी बुकिंग को बेवजह कैंसिल कर सकते हैं.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 जारी किया. जिसमें कहा गया है कि एग्रीगेटर्स अलग अलग राज्य सरकारों द्वारा तय किए गए टैक्सी फेयर से 1.5 गुना से ज्यादा किराया नहीं बढ़ा सकते हैं.
नॉन-पीक आवर में Ola, Uber बेस फेयर से 50 परसेंट कम टैक्सी फेयर चार्ज कर सकते हैं. जिन राज्यों में सिटी टैक्स फेयर तय नहीं हुए हैं वहां पर 25-30 रुपये बेस फेयर माना जाएगा.
सड़क परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर कोई ड्राइवर या ग्राहक बुकिंग मंजूर करने के बाद राइड को बिना किसी कारण कैंसिल करता है तो उस पर 10 परसेंट की पेनल्टी लगाई जाएगी, लेकिन ये कैंसिलेशन फीस 100 रुपये से ज्यादा नहीं होगी.
अगर Ola, Uber से अपने यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक होती है, यात्री से ज्यादा किराया वसूला जाता है या फिर ड्राइवर के साथ हुए करार को निभा पाने में नाकाम होता है तो उसका लाइसेंस भी सस्पेंड किया जा सकता है. अगर साल में तीन बार सस्पेंशन होता है तो Ola, Uber को अपनी सेवाएं तुरंत बंद करने को कहा जा सकता है
Ola, Uber केवल उन्हीं लोगों को पूलिंग सर्विसेज दे सकते हैं जिनका KYC किया गया हो, और ये सभी एक ही रूट पर सफर कर रहे हों.
अबतक ऐप बेस्ड टैक्सी सेवाएं बिना सरकार की निगरानी के चल रहीं थीं, हालांकि इन्हें 2019 में मोटर व्हीकल (संशोधन) एक्ट के तहत लाया गया था. लेकिन मंत्रालय ने गाइडलाइंस नहीं तय की थीं.
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