Palm Oil Prices Hike: श्रीलंका के बाद अब इंडोनेशिया के लोगों पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब इंडोनेशिया में 1 लीटर PALM OIL की कीमत 22,000 हजार रुपये हो चुकी है, जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है. रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते रिफाइंड, सोया और SUNFLOWER OIL की कीमतों में इजाफा हो ही रहा था कि अब इंडोनेशिया में PALM OIL के संकट ने भी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है. अब PALM OIL की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं.
PALM OIL का सबसे बड़ा उत्पादक इंडोनेशिया को माना जाता है. इंडोनेशिया खुद संकट से गुजर रहा है. क्योंकि अब इंडोनेशिया जरूरत से ज्यादा PALM OIL निर्यात करने लगा है जिसके चलते इस देश के लोगों को ही PALM OIL की किल्लत झेलनी पड़ रही है. PALM OIL कि तुलना सोने से की जा रही है क्योंकि इसी साल मार्च में 1 लीटर रिफाइंड PALM OIL की कीमत 22,000 पहुंच गई थी. आसमान छूती PALM OIL की कीमत का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है. भारत पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है क्योंकि इंडोनेशिया सबसे अधिक CPO (CRUDE PALM OIL) का निर्यात अन्य देशों में करता है. इसका सीधा असर VEGETABLE OIL पर भी पड़ता दिख रहा है क्योंकि हर घर में वनस्पति तेल का इस्तेमाल भरपूर होता है.
सबसे पहला और मुख्य कारण जिसकी वजह से PALM OIL की कीमत इतनी बढ़ गई है, वो है रूस-यूक्रेन युद्ध. यूक्रेन और रूस को SUNFLOWER और SOYABEAN OIL का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है. INTERNATIONAL MARKET में इनका योगदान 80% के करीब है. लेकिन 24 फरवरी के बाद से युद्ध के चलते दोनों देशों की तरफ से तेल की सप्लाई बंद कर दी गई.
SUNFLOWER और SOYABEAN तेल की सप्लाई ठप्प होने के बाद लोगों ने अपना रुख PALM OIL की तरफ मोड़ा, क्योंकि PALM OIL एक SUBSTITUTE के तौर पर भी कई लोग इस्तेमाल करते हैं. बढ़ती मांग के कारण अब PALM OIL भी सोने के भाव बिकने लगा.
दूसरी वजह यह है कि जब इंडोनेशिया की सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश की तो जमाखोरी और बढ़ने लगी. इंडोनेशियन सरकार ने एक लीटर ब्रांडेड ऑयल की कीमत 14,000 इंडोनेशियाई रुपये तय की थी और CPO की कीमत 9,300 रुपये तय कर दी थी. यह भी तय कर दिया गया कि आम आदमी एक बार में 2 लीटर तेल ही खरीद सकेगा और CPO एक्सपोर्टर के लिए यह भी तय कर दिया गया कि 30% प्रतिशत उत्पाद घरेलू बाजार में बेचा जाएगा. लेकिन इन कारोबारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और PALM OIL की जमाखोरी शुरू कर दी.
PALM OIL की आसमान छूती कीमत का भारत पर गहरा असर देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि भारत Vegetable Oil का सबसे बड़ा आयात करने वाला देश है, क्योंकि भारत में घर-घर में वनस्पति तेल कि जरूरत होती है. भारत अपने खाद्य तेलों की खपत का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है और पाम तेल खाद्य तेलों के आयात का लगभग 60 प्रतिशत है. इंडोनेशिया के PALM OIL संकट के चलते भारत में भी खाद्य तेलों की कीमत में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा किया है. ऐसे में अगर स्थिति सामान्य नहीं होती तो भारत को भी परिस्थिति के मुकाबले के लिए तैयारी करनी होगी.
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