यह योजना 1 दिसंबर 2018 को शुरू की गई थी और इसके तहत साल में तीन बार दो-दो हजार की किश्त के रूप में सालाना छह हजार रुपये केंद्र सरकार किसानों के खाते में भेजती है. यह फायदा सभी किसानों को मिलता है. इस योजना के तहत अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर और दिसंबर-मार्च की अवधि में खाते में पैसे भेजे जाते हैं. पीएम-किसान सम्मान निधि वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक इस योजना के 11.47 करोड़ लाभार्थी हैं.
सरकार को किसानों को साल में 6,000 रुपये देती है, वो भी 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में. यानी महीने में 500 रुपये ही किसानों को मिलते हैं. किसानों का कहना है कि पीएम-किसान योजना के तहत जो राशि मिलती है वो प्रति महीना 500 रुपये है जो काफी कम है. 1 बीघे में धान की फसल लेने में करीब 3-3.5 हजार रुपये का खर्च होता है और गेहूं की फसल लेने में करीब 2-2.5 हजार रुपये खर्च होता है. ऐसे में अधिक जमीन वाले किसानों के लिए छह हजार रुपये बहुत कम सहायता राशि है. ऐसे में राशि में इजाफा होना चाहिए ताकि खर्चों को पूरा किया जा सके.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कृषि कानून के विरोध में जुटे किसानों को खुश करने के मकसद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले बजट में उनके हित में फैसला ले सकती हैं. खबर यह भी है कि सरकार किसान सम्मान निधि की सालाना मिलने वाली राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार तक कर सकती है.
1. केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली 6 हजार रुपये की किस्त में इजाफा कर सकती है. इस बार के बजट में किसानों ने सरकार से ये मांग की है कि ये राशि खेती के लिए अपर्याप्त है और इसमें इजाफा किया जाए. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट एस्टीमेट (BE) करीब 1.51 लाख करोड़ रुपये था जो अगले वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर लगभग 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया.
2. इसके अलावा ग्रामीण विकास के लिए आवंटन भी 2019-20 में करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2020-21 में बढ़ाकर 1.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत 2019-20 में 9682 करोड़ से बढ़ाकर 2020-21 में 11,127 करोड़ रुपये और पीएम फसल बीमा योजना के तहत 2019-20 में 14 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2020-21 में 15,695 करोड़ रुपये कर दिया गया.
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