दरअसल, कास्मेटिक कंपनी रेवलॉन (Revlon) के ऋणदाताओं को सिटी बैंक को 58 करोड़ रुपये बतौर ब्याज देने थे, लेकिन गलती से बैंक की ओर से ऋणदाताओं के खाते में दस गुना से अधिक 6554 करोड़ रुपये (करीब 900 डॉलर) डाल दिए गए. ये ट्रांजैक्शन पिछले साल अगस्त में हुआ था।
कुछ कर्जदाताओं ने तो बैंक के पैसे लौटा दिए, लेकिन जब 10 कर्जदाताओं से 3650 करोड़ रुपये वापस नहीं आए तो अमेरिकी बैंक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां से उसे निराशा ही हाथ लगी
अमेरिकी जिला जज ने कहा, कॉरपोरेट क्लाइंट से जुड़ा यह अनोखा मामला है. कानून अक्सर उन लोगों को सजा देता है, जो अपने खातों में जमा रकम को गलत तरीके से खर्च करते हैं. जज ने कहा, डिजिटल दौर में इस तरह गलती से हुआ लेनदेन आम बात है और इस भूल को तुरंत सुधारा जा सकता है.
जज ने कहा, सिटीबैंक से अगर यह लेनदेन गलती से हुआ तो बैंक ने तुरंत इसके लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया. जबकि पूरे एक दिन बाद बैंक ने इस मामले में कार्यवाही प्रक्रिया शुरू की और नोटिस जारी करना शुरू किया. वहीं बैंक के कुछ कर्मचारियों के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत को आधार बनाकर जज ने कहा कि इसे देख कर लगता है कि यह चूक इरादतन थी.
भारत के एक शीर्ष सरकारी बैंक से भी इस तरह की गलती हुई थी, जिसमें बैंक ने गलती से कई खातों में ब्याज का भुगतान कर दिया था. लेकिन तुरंत एक्शन लेकर लेनदेन को रद्द कर दिया गया था. पूरी रकम बैंक के पास वापस आ गई थी और कोई नुकसान नहीं हुआ था
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