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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) देश को कई नई योजनाएं दे रहे हैं. कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच केंद्र सरकार (Central Government) लगातार लोगों को आर्थिक तंगी से बचाने की कोशिश कर रही है. कई बार इन योजनाओं (PM Kisan Samman Yojana) का लाभ वे लोग भी लेने लगते हैं जो इनके हकदार नहीं हैं. लेकिन इस बार सरकार ऐसे फर्जी लाभार्थियों पर एक्शन लेने के लिए कमर कस ली है. अगर आपने भी ये गलती की है तो पढ़ लें ये पूरी खबर.
दरअसल, पीएम किसान योजना (PM Kisan Samman Yojana) के तहत एक सम्मान निधि से छोटे किसान को सालाना छह हजार रुपये की राशि दी जाती है. आपको बता दें कि यह राशि किसान के बैंक खाते में डायरेक्ट जाती है. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना (CM Krishi Ashirwad Yojana Jharkhand) का लाभ झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में पूर्व की रघुवर सरकार ने शुरू किया था. इसके तहत लगभग 90 हजार लाभुक निबंधित थे.
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पीएम किसान योजना (PM Kisan Samman Yojana) के तहत केंद्र सरकार ने किसानों के खाते में ईद के मौके पर आठवीं किस्त की राशि भेजी थी. देश के करीब 9.5 करोड़ किसानों के खाते में दो-दो हजार के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये भेजे गए थे. दरअसल, पीएम किसान योजना में यह प्रावधान है बनाया गया है कि यदि कोई किसान पहली बार योजना में अपना निबंधन कराता है, तो उसे दो किस्त की राशि एक साथ मिलती है. झारखंड में 2019 तक मुख्यमंत्री किसान समृद्धि योजना भी लागू थी, जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के करीब एक लाख किसान जुड़े थे.
किसान योजना के तहत हुए घपले को लेकर अब सरकार सख्त नजर आ रही है. सरकार अब ऐसे लोगों की सख्ती से जांच कर रही है जो पात्र नहीं होने के बावजूद पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे हैं. लेकिन वे ये भूल गये हैं कि उनका नाम आधार से लिंक है एवं आधार को पैन से भी लिंक किया गया है. इस तरह उनकी आमदनी का पता लगाना सरकार के लिए आसान है. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम को छोड़ कई जिलों में ऐसे लोगों की पहचान की गई है जो अपात्र होते हुए भी पीएम किसान का लाभ ले चुके हैं. अब इन सबों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जा रहा है.
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