Retail Inflation Data: जुलाई में देश में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.71 फीसदी पर पहुंच गई है. आपको बता दें कि 5 महीने में खुदरा महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर है. आपको बता दें कि इससे पहले जून महीने में रिटेल महंगाई 7.01 फीसदी पर रही थी. सरकार ने शुक्रवार को यह डेटा जारी किया है.
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Retail Inflation Data: बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को बड़ी राहत मिली है. जुलाई में देश में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.71 फीसदी पर पहुंच गई है. आपको बता दें कि 5 महीने में खुदरा महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर है. आपको बता दें कि इससे पहले जून महीने में रिटेल महंगाई 7.01 फीसदी पर रही थी. सरकार ने शुक्रवार को यह डेटा जारी किया है. इस डेटा के अनुसार, खुदरा महंगाई के घटने के पीछे मुख्य वजह खाने की चीजों की कीमतों में कमी है. पिछले साल यानी जुलाई 2021 में रिटेल महंगाई की दर 5.59 फीसदी पर रही थी.
सरकार ने दी जानकारी
सरकार की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक, जुलाई 2022 में खाद्य महंगाई घटकर 6.75 फीसदी पर पहुंच गई है. जून 2022 में यह आंकड़ा 7.75 फीसदी पर रहा था. हालांकि आरबीआई के अनुमान से अब भी यह अधिक है, लेकिन इस गिरावट ने महंगाई के मोर्चे पर कुछ हद तक राहत जरूर दी है.
जानिए क्या है CPI आधारित महंगाई ?
गौरतलब है कि कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स (CPI) यानी सीपीआई सामान और सेवाओं की खुदरा कीमतों में बदलाव को ट्रैक करती है, जिन्हें परिवार अपने रोजाना के इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं. दरअसल, महंगाई को मापने के लिए इसे यूज करते हैं. इससे हम अनुमान लगाते हैं कि पिछले साल की समान अवधि के दौरान सीपीआई में कितने फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आरबीआई अर्थव्यवस्था में कीमतों में स्थिरता रखने के लिए इस आंकड़े पर नजर रखता है. दरअसल, सीपीआई में एक विशेष कमोडिटी के लिए रिटेल कीमतों को देखा जाता है. इन्हें ग्रामीण, शहरी और पूरे भारत के स्तर पर देखा जाता है. अगर टेक्निकल भाषा में समझें तो एक समयावधि के अंदर प्राइस इंडैक्स में बदलाव को सीपीआई आधारित महंगाई या खुदरा महंगाई कहा जाता है.