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नई दिल्ली: Salary Increment Survey: देश में बेरोजगारी अपने पैर तेजी से पसार रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रैल 2021 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) बढ़कर 8.6 परसेंट हो गई है, जो दो हफ्ते पहले 6.7 परसेंट पर थी. लेकिन अब आपको जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है. इस साल आपकी सैलरी भी बढ़ सकती है और नई नौकरी के मौके भी बन सकते हैं.
आपको बता दे कि CMIE की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोगों में फिर निराशा बढ़ रही है. पिछले साल लॉकडाउन से लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी, लोगों का धंधा चौपट हो गया था. एक बार फिर यही संकट सामने खड़ा है, और इस बार ये ज्यादा खतरनाक है. अप्रैल में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर 8 परसेंट पर पहुंच गई है. जबकि मार्च में यह दर 7.84 परसेंट ही थी. ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी दर अब तक 6.7 परसेंट है.
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लेकिन दूसरी ओर स्टाफिंग कंपनी जीनियस कंसल्टेंट्स (Genius Consultants) के एक सर्वे में नौकरीपेशा लोगों को लेकर राहत भरी खबर भी है. इस सर्वे में बताया गया है कि कोरोना संकट के बावजूद कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाएंगी. कर्मचारियों की सैलरी में ये बढ़ोतरी 5 से 10 परसेंट के बीच हो सकती है. इसके अलावा ये भी दावा किया गया है कि नौकरीपेशा लोगों का सैलरी स्ट्रक्चर भी बदल सकता है.
Genius Consultants के इस सर्वे में देश की 1200 कंपनियों ने हिस्सा लिया है. ये सर्वे फरवरी और मार्च के दौरान कराया गया है. जिसमें से आधे से ज्यादा कंपनियां अपने कर्मचारी की सैलरी बढ़ाने के पक्ष में हैं. 59% कंपनियों ने कहा कि वे कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाना चाहती हैं. ये सैलरी बढ़ोतरी 5-10 परसेंट के बीच होगी. सर्वे में 20 परसेंट कंपनियों ने कहा कि वो सैलरी तो जरूरी बढ़ाएंगी लेकिन यह बढ़ोतरी 5 परसेंट से भी कम होगी. जबकि 21 परसेंट ने इस साल 2021 में सैलरी बढ़ाने से साफ मना कर दिया.
इस सर्वे में HR, IT, ITES, BPO सहित बैंकिंग एंड फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग, एजुकेशन, लॉजिस्टिक हॉस्पिटैलिटी, मीडिया, फार्मा, मेडिकल, पावर एंड एनर्जी, रियल एस्टेट जैसी कंपनियां शामिल हुई थीं.
43 परसेंट कंपनियों ने नए लोगों की भर्ती की बात कही है, यानी कंपनियां फ्रेशर्श के लिए इस साल अपने दरवाजे खोलेंगी. जबकि 41 परसेंट ने कहा कि वो रिप्लेसमेंट हायरिंग करेंगे. मतलब अनुभवी लोगों के लिए भी नई नौकरी के मौके बनेंगे. जबकि 11 परसेंट कंपनियों ने नई नौकरियों के लिए मना कर दिया. सर्वे में सामने आया है कि दक्षिण क्षेत्र में नौकरियों के ज्यादा मौके बनेंगे, यहां 37 परसेंट हायरिंग की उम्मीद है, जबकि देश के पश्चिमी क्षेत्र में हायरिंग 33 परसेंट होगी.
जहां तक नौकरियां की छंटनी की बात है तो सिर्फ 4 परसेंट ने ही कहा है कि वो इस साल छंटनी करेंगी. वर्क फ्रॉम होम को 33 परसेंट कंपनियों ने सराहा है, उन्होंने कहा कि इस नए वर्क कल्चर से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ा है. जबकि 37 परसेंट ने बताया कि उनकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ा है.
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