Sebi Planning For IPO: सेबी (SEBI) IPO की मंजूरी के लिए एआई की मदद लेने की भी तैयारी कर रहा है. सेबी (SEBI) ऐसा फॉर्म तैयार कर रहा है, जिसे आईपीओ लाने की तैयारी कर रही कंपनियों को भरना होगा.
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Stock Market Rules: अगर आप भी शेयर बाजार और आईपीओ में निवेश करते रहते हैं तो अब सेबी इससे जुड़े कुछ बदलाव करने जा रही है. शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी (SEBI) अब कंपनियों के आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन करने का आसान तरीका लाने की तैयारी कर रही है. नए तरीके में कंपनियों को संबंधित फॉर्म में खाली जगह पर संबंधित जानकारी को भरना होगा. इससे निवेशकों को कंपनी की जानकारी समझने में आसानी होगी और सेबी (SEBI) को भी जांच करने में मौजूदा समय के मुकाबले कम समय लगेगा.
एआई की भी मदद लेने की तैयारी
इसके अलावा सेबी चीफ माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने बताया कि सेबी (SEBI) IPO की मंजूरी के लिए एआई (AI) की मदद लेने की भी तैयारी कर रहा है. सेबी (SEBI) ऐसा फॉर्म तैयार कर रहा है, जिसे आईपीओ (IPO) की तैयारी कर रही कंपनियों को भरना होगा. इससे IPO को मंजूरी मिलने में कम समय लगेगा और निवेशकों को कंपनी के बारे में जानकारी समझने में आसानी होगी. नए फॉर्म में कंपनियों को ऑफर से जुड़ी जटिल चीजों को भी अलग से समझाने के लिए जगह दी जाएगी.
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कई कंपनियों ने सेबी के पास IPO के लिए आवेदन किया
SEBI चीफ ने बताया कि नया फॉर्म समझने में काफी आसान होगा. अगर कोई अलग बात होगी तो उसे अलग से समझाया जा सकेगा. सेबी (SEBI) चीफ ने यह बात उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) के एक कार्यक्रम में कही. सूत्रों के अनुसार, इस समय कई कंपनियां सेबी (SEBI) के पास IPO को लेकर आवेदन दे चुकी हैं. ये कंपनियां कुल 80,000 करोड़ रुपये बाजार से जुटाना चाहती हैं. इतने आवेदनों की वजह से सेबी (SEBI) को अपने दूसरे कामों को रोककर कर्मचारियों को IPO से जुड़े काम पर लगाना पड़ रहा है.
दो तरह की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी
सेबी ऐसे प्रोसेस पर भी काम कर रहा है, जिससे कंपनियों को शेयर मार्केट में पैसा जुटाने के लिए दो तरह की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी कंपनियों को 'राइट्स इश्यू' और 'प्रीफरेंशियल इश्यू' के लिए अलग-अलग मंजूरी लेनी पड़ती है. अब सेबी की चाहत है कि एक ही फॉर्म में पूरी जानकारी हो और मंजूरी मिलने में आधा समय लगें. इससे कंपनियों का पैसा भी बचेगा क्योंकि उन्हें बिचौलियों की जरूरत कम पड़ेगी.
बाद में इसी सम्मेलन में SEBI के मेंबर कमलेश चंद्र वर्ष्णी ने बताया कि SEBI जल्द एक दस्तावेज जारी करेगा, जिसमें फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर को नियमों के दायरे में लाने के बारे में सुझाव मांगे जाएंगे. इसका मकसद उन लोगों को नियंत्रित करना है जो अभी SEBI के नियमों के दायरे में नहीं आते हैं. SEBI ने IPO प्रोसेस को आसान करने के कई नए तरीके निकाले हैं. माधबी पुरी बुच ने कहा कि देश के शेयर बाजार को सुरक्षित रखने के लिए केवाईसी की पूरी जांच करना जरूरी है.