सर्विस सेक्टर फर्म को राहत, 30 अप्रैल तक चुन सकते हैं GST कम्पोजिशन योजना का विकल्प
Advertisement
trendingNow1514093

सर्विस सेक्टर फर्म को राहत, 30 अप्रैल तक चुन सकते हैं GST कम्पोजिशन योजना का विकल्प

CBIC ने एक सर्कुलर में कहा कि कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले आपूर्तिकर्ताओं को 30 अप्रैल, 2019 तक फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 भरना होगा.

जिनका सालाना कारोबार 50 लाख रुपये तक है, वे कम्पोजिशन स्कीम चुन सकते हैं. (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली: कर विभाग ने 50 लाख रुपये तक के कारोबार वाले सेवा प्रदाताओं को 30 अप्रैल तक जीएसटी कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने और छह प्रतिशत कर का भुगतान करने को कहा है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान घटी छह प्रतिशत पर करने का विकल्प वित्त वर्ष की शुरुआत या वित्त वर्ष के दौरान नया पंजीकरण हासिल करने की तारीख से प्रभावी होगा. कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले सेवा प्रदाताओं को छह प्रतिशत की निचली दर से कर देने की सुविधा होगी. हालांकि, ज्यादातर सेवाओं पर 12 से 18 प्रतिशत का ऊंचा कर लगता है. 

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक सर्कुलर में कहा कि कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले आपूर्तिकर्ताओं को 30 अप्रैल, 2019 तक फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 भरना होगा. ऐसी कंपनियां जो कि नए पंजीकरण के लिए आवेदन करेंगी वे यह लाभ फॉर्म जीएसटी आरईजी-01 के जरिये पंजीकरण के लिए आवेदन करते समय हासिल करेंगी. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन ने कहा कि कई सेवा प्रदाताओं ने कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने के लिए इसे भरने का प्रयास किया लेकिन कानूनी ‘एम्बार्गो’ की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए. इस स्पष्टीकरण के बाद जीएसटीएन उनका आवेदन स्वीकार करना शुरू करेगा. 

ई-वे बिल आंकड़ों में अंतर को लेकर कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने अपनी 10 जनवरी की बैठक में माल एवं सेवा का कारोबार करने वाले ऐसे सेवा प्रदाता जिनका सालाना कारोबार 50 लाख रुपये तक है, को एक अप्रैल से कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने की सुविधा दी थी. अभी तक जीएसटी कम्पोजिशन योजना का विकल्प ऐसे कारोबारी या वस्तुओं के विनिर्माता चुन सकते थे जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये तक है. 

Trending news