जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा उनका उपयोग नगर निगम (MCD) और दिल्ली पुलिस द्वारा आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं में किया जाएगा है.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1 अप्रैल, 2020 से पहले खरीदे गए BS-IV डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी है. जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा उनका उपयोग नगर निगम (MCD) और दिल्ली पुलिस द्वारा आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं में किया जाएगा है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि 1 अप्रैल से पहले खरीदे जाने वाले ऐसे डीजल वाहन जिनका उपयोग जरूरी जनसेवा के लिए किया जाएगा, उनका BS-IV मानदंडों के अनुसार रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और 1 अप्रैल के बाद खरीदे गए BS-VI वाहनों का ही केवल रजिस्ट्रेशन होगा.
1 अप्रैल से पहले खरीदे गए हो वाहन
कोर्ट ने सभी नियमों का पालन करने वाले सीएनजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन करने की भी अनुमति दे दी है. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि तीन प्रकार के वाहनों सीएनजी, बीएस- IV और बीएस- VI वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन करने पर विचार किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक रजिस्ट्रेशन नहीं शुरू होता है तब तक दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग इन गाड़ियों को कोई प्रोविजनल सार्टिफिकेट मुहैया कराए. इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (CJI) ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग विशेष सेवाओं में उपयोग हो रहे डीजल वाहनों के लिए अभी अस्थाई (temporary) रजिस्ट्रेशन जारी करें. कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद इस आदेश में बदलाव किया जाएगा.
उन BS-IV डीजल वाहनों को जिन्हें 1 अप्रैल से पहले नगर निगमों द्वारा खरीदा गया है और उनका उपयोग कचरा उठाने और सार्वजनिक उपयोगिताओं जैसी आवश्यक सेवाओं द्वारा किया जाएगा, केवल उनका ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
इससे पहले फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए COVID-19 महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण बिक्री के नुकसान के आधार पर BS-IV वाहनों की बिक्री के लिए 31 मार्च की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी.
ये वाहन हो जाएंगे बेकार
अगर आपने 31 मार्च 2020 से पहले कोई BS-IV वाहन खरीदा है लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है तो जान लें कि RTO (Regional Transport Office) में इसका विंडो खुल गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अब उत्तर प्रदेश में सभी RTO में इसका रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. बता दें कि कोर्ट ने टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन सहित ई-पोर्टल पर सभी रजिस्ट्रेशन की छूट दे दी है. हालांकि, छूट दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में ऐसे वाहनों के पंजीकरण की इजाजत नहीं है. केवल उन BS-IV वाहनों को रजिस्टर किया जाएगा, जिन्हें Lockdown से पहले बेचा गया था और वाहन ई-पोर्टल पर अपलोड किया गया था. लेकिन 31 मार्च के बाद बेचे गए BS-IV वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
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