Sahara India: जल्‍द म‍िलेगा सहारा में फंसा हुआ पैसा? सुप्रीम कोर्ट की फटकार से न‍िवेशकों के बीच जगी उम्‍मीद
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Sahara India: जल्‍द म‍िलेगा सहारा में फंसा हुआ पैसा? सुप्रीम कोर्ट की फटकार से न‍िवेशकों के बीच जगी उम्‍मीद

Supreme Court on Sahara India: सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंड‍िया को साल 2012 में 15 प्रत‍िशत ब्‍याज के साथ न‍िवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश द‍िया था. लेक‍िन इसमें से 10000 करोड़ रुपये अभी तक बाकी है.

Sahara India: जल्‍द म‍िलेगा सहारा में फंसा हुआ पैसा? सुप्रीम कोर्ट की फटकार से न‍िवेशकों के बीच जगी उम्‍मीद

Sahara India Group: अगर आपका भी पैसा सहारा ग्रुप में फंसा हुआ है तो सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश आपको राहत दे सकता है. उच्‍चतम अदालत ने मंगलवार को द‍िये आदेश में साफ क‍िया क‍ि  सहारा ग्रुप अपनी प्रॉपर्टी बेचकर निवेशकों का पैसा लौटा सकता है. निवेशकों का पैसा वापस करने के लि‍ए सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा ग्रुप को अपनी प्रॉपर्टी बेचने पर क‍िसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. शीर्ष अदालत की तरफ से एक सुनवाई के दौरान यह बात कही गई.

15 प्रतिशत ब्याज के साथ सेबी को पैसा वापस करने का आदेश

उच्‍चतम न्‍यायालय की तरफ से 1 अगस्त, 2012 को निर्देश दिया गया था क‍ि सहारा ग्रुप की कंपनियां एसआईआरईसीएल (SIRICL) और एसएचआईसीएल (SHICL) निवेशकों से ल‍िये गए पैसे 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ सेबी को वापस करें. सेबी की तरफ से सहारा से म‍िलने वाला पैसा न‍िवेशकों को लौटा जाएगा. सहारा की तरफ से द‍िया जाने वाला ब्याज पैसा जमा करने की तारीख से री-पेमेंट की तारीख तक के लिए देय होगा. न्यायमूर्ति संजीव खन्‍ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अदालत के निर्देशानुसार सहारा ग्रुप की तरफ से पैसा जमा नहीं क‍िये जाने पर नाराजगी जताई.

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संपत्तियां बेचने के लिए क‍िसी तरह की रोक नहीं
सहारा ग्रुप की तरफ से पेश पेश सीन‍ियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचने का मौका नहीं दिया गया. इस पर पीठ ने कहा कि न्यायालय के आदेश अनुसार 25,000 करोड़ रुपये में से बाकी 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा ग्रुप पर अपनी संपत्तियां बेचने के लिए क‍िसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. अदालत ने यह भी कहा क‍ि प्रॉपर्टी को सर्किल रेट से कम रेट पर नहीं बेचा जाना चाहिए. अगर प्रॉपर्टी को सर्क‍िल रेट से कम कीमत पर बेचने की स्थिति आती है तो इसके ल‍िए पहले न्यायालय की अनुमति लेनी होगी.

सर्क‍िल रेट से नीचे प्रॉपर्टी नहीं बेचने का आदेश
पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा क‍ि 10 साल से ज्‍यादा का समय बीत चुका है और सहारा ग्रुप ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है. 'सेबी करीब 10,000 करोड़ रुपये की मांग कर रहा है, आपको इसे जमा करना होगा. हम एक अलग योजना चाहते हैं ताकि संपत्ति को पारदर्शी तरीके से बेचा जा सके. हम इस प्रैक्‍ट‍िस में सेबी को भी शामिल करेंगे.' जस्टिस खन्‍ना ने यह भी कहा क‍ि सर्क‍िल रेट से नीचे प्रॉपर्टी की ब‍िक्री करना न तो सेबी के हित में है और न ही सहारा ग्रुप के. यदि बिना कर्ज वाली प्रॉपर्टी की बिक्री की पेशकश की जाती है तो बाजार में पर्याप्त खरीदार उपलब्ध हैं.

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पीठ ने यह भी कहा क‍ि ऐसा कहना गलत है क‍ि आपको संपत्ति बेचने के लिए उचित मौके नहीं दिए गए. अदालत ने आपको अपनी संपत्ति बेचने के लिए पर्याप्त मौके दिये थे. सेबी की तरफ से पेश सीन‍ियर एडवोकेड प्रताप वेणुगोपाल ने कहा कि सभी प्रॉपर्टी बिना कर्ज वाली नहीं हैं और इस पर स्‍थ‍िति साफ नहीं है क‍ि कंपनी बाकी पैसे का भुगतान कब तक करेगी.

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