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नई दिल्ली: सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) का मालिकाना हक 68 साल बाद एक बार फिर टाटा ग्रुप के पास आ सकता है. टाटा संस (Tata Group) सबसे बड़े बोलीदाता (Top Bidder for Air India) के रूप में उभरा है और कंपनी ने एयरलाइन की नीलामी के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया की नीलामी (Air India Bid) जीत सकती है, हालांकि सरकार ने इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है.
निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सेक्रेटरी ने ट्वीट कर कहा, 'एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं. जब इसके बारे में फैसला लिया जाएगा, तब सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा.'
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken. pic.twitter.com/PVMgJdDixS
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 1, 2021
टाटा ग्रुप (Tata Group) ने शीर्ष बोली लगाने वाले के तौर पर सामने आया है, लेकिन इसको लेकर आधिकारिक ऐलान अगले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अगुवाई वाली कमेटी के बैठक के बाद किया जाएगा. एयर इंडिया के निजीकरण पर बनाई गई मंत्रियों की कमेटी अगले कुछ दिनों में मिलेगी. कमेटी एयरलाइंस के लिए बोली जीतने वाले पर विचार और मंजूरी देगी. सरकार की योजना विनिवेश प्रक्रिया (Divestment Process) को पूरा करने और दिसंबर 2021 तक एयर इंडिया (Air India New Owner) को नए मालिक को सौंपने की है.
सरकार ने घाटे से जूझ रही एयर इंडिया (Air India) को बेचने के लिए जनवरी 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी. उसी दौरान देश में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया. जिसके चलते यह प्रक्रिया करीब 1 साल तक अधर में लटक गई. इस साल अप्रैल में सरकार ने इच्छुक कंपनियों से कहा कि वे एयर इंडिया को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाएं. इसके लिए 15 सितंबर अंतिम तारीख तय की गई थी. सरकार ने इससे पहले वर्ष 2018 में एयर इंडिया (Air India) की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई. इसके बाद सरकार ने कंपनी की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया.
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